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जाने ऐसा क्या कहा सांसद ने कि भड़क गए रेलवे मंत्री, टीएमसी सांसद ने हाथ जोड़ मांगी माफी


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नई दिल्ली : केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में तीखी बहस में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की आगामी बुलेट ट्रेन तकनीक के लिए भारतीय धरती की ताकत पर सवाल उठाने के लिए आलोचना की। लोकसभा में अश्विनी वैष्णव, प्रह्लाद जोशी, भाजपा सांसदों और टीएमसी के कल्याण बनर्जी, सुदीप बंदोपाध्याय और नुसरत जहां के बीच हुए भाषणों के दौरान टीएमसी सांसदों ने कहा था कि भारत की धरती जापान की तरह बुलेट ट्रेन चलाने में सक्षम नहीं है। इस टिप्पणी को आमतौर पर शांत रहने वाले रेल मंत्री की तीखी प्रतिक्रिया मिली।

लोकसभा में भाजपा सांसदों और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी, सुदीप बंदोपाध्याय और नुसरत जहां के बीच बहस के दौरान मामला गर्म हो गया। टीएमसी सांसदों की टिप्पणी से रेल मंत्री बिफर उठे।

वैष्णव ने कहा कि एक सांसद के लिए इस तरह की टिप्पणी करना शर्मनाक है। भारत पर सवाल उठाया जा रहा है? जो पार्टी आज मां माटी मानुष (टीएमसी का नारा) की बात करती है, वह हमारी मां (भारत माता) और माटी (भारतीय धरती) पर सवाल उठा रही है। मुझे आश्चर्य है कि वे किस तरह के मानुष हैं। बहस के एक दिन बाद आज वैष्णव ने मीडिया से कहा कि वह आक्रामक हुए क्योंकि एक नहीं, बल्कि टीएमसी के तीन सांसदों ने उस जमीन पर सवाल उठाया था, जहां हजारों बहादुरों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। हमें इसका सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने कहा, कम से कम उनका अनादर तो मत करो। अगर वे कहते कि भारत में बुलेट ट्रेन चलाने में हमारे सामने तकनीकी चुनौतियां हैं, तो मैं उन्हें तकनीकी बातें समझाता। लेकिन भारत की अखंडता और सिद्धांतों पर इस तरह का सवाल मेरे सहित किसी भी भारतीय को स्वीकार्य नहीं है।

गरमागरम बहस के बाद बंद्योपाध्याय को केंद्रीय मंत्री से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहा गया कि ऐसा प्रकरण फिर कभी नहीं दोहराया जाएगा और उनकी पार्टी रेलवे के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास करेगी। इस माफी को याद करते हुए वैष्णव ने कहा, उन्होंने सदन के पटल पर मुझसे माफी मांगी। हम जानते हैं कि राजनीति में ऐसी घटनाएं होती हैं, इसलिए हम सभी को आगे बढ़ना चाहिए।
रेल मंत्री ने कल बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति का ब्योरा देते हुए कहा था कि आठ किलोमीटर प्रति माह की गति से कार्य किया जा रहा है साथ ही सभी प्रमुख नदियों पर खंभों और पुलों का निर्माण भी जारी है।

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