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चीन अब बांग्लादेश में बना रहा मिसाइलों का मेंटेनेंस सेंटर, भारत के लिए खतरा?


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नई दिल्ली : चीन हमेशा से ही भारत के खिलाफ नयी नयी चालें चलते आया हैं। अब इसने एक नया पैंतरा आज़माना शुरू किया हैं। बांग्लादेश को मोहरा बनाकर चीन अब भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में जुटा है। वह बांग्लादेश में जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए मेंटेनेंस सेंटर बनाने में लगा है।

बता दें, इस मेंटेनेंस सेंटर में इनमें उन मिसाइलों के रखरखाव की सुविधा दी जाएगी, जिन्हें चीन ने 2011 में बांग्लादेश को दिया था। इस मेंटेनेंस सेंटर को बनाने की बात गोपनीय रखी गई है। इस बारे में चीन या बांग्लादेश की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, एक रिपोर्ट में दावा किया है कि सेंटर कायम करने का काम आगे बढ़ रहा है। कहा गया है कि एक वरिष्ठ बांग्लादेशी राजनयिक ने उससे बातचीत में इस बात की पुष्टि की है।

एशिया में बिगड़ सकता हैं सुरक्षा संतुलन –
राजनयिक ने अपने नाम को गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि, ‘चीन और बांग्लादेश इस बात को गोपनीय रख रहे हैं, क्योंकि पश्चिमी देशों- खासकर अमेरिका ने चीन की निगरानी बढ़ा रखी है। इस मेंटीनेंस सेंटर से एशिया में सुरक्षा संतुलन बिगड़ने की संभावना है।’

नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में चीनी अध्ययन के प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने कहा- ‘बांग्लादेश में मिसाइल सुविधा केंद्र स्थापित करना और उसके साथ अन्य प्रकार के सैन्य संबंध बनाना और कुछ नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ चीन का मनोवैज्ञानिक युद्ध है। चीन भारत को यह संदेश देना चाहता है कि बांग्लादेश अब उसके पाले में आ गया है।’

हालांकि कोंडापल्ली ने कहा कि चीन और बांग्लादेश की दोस्ती से भारत के लिए कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि एक संप्रभु देश के निर्णय में दखल देना भारत के लिए संभव नहीं है।

वेबसाइट निक्केई एशिया के मुताबिक ये केंद्र चीनी कंपनी वैनगार्ड के सहयोग से लगाया जा रहा है। यह बांग्लादेश में चीन के सैनिक निवेश का हिस्सा है। इस सहयोग के तहत चीन बांग्लादेश को लड़ाकू जहाज, नौसेना के लिए बंदूकें, जहाज भेदी मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल देने वाला है।

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