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भारत

Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा पर 28 अक्टूबर को बांटी जाएगी जड़ी-बूटी से बनी खीर

नई दिल्लीः बफार्नी आश्रम में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर की रात्रि में मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को जड़ी-बूटी युक्त खीर प्रसाद का निशुल्क वितरण किया जाएगा। इसके अलावा लोक कलाकारों की भी प्रस्तुति रात्रि 10 बजे से प्रारंभ होगी। जनकल्याण के तहत श्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को पिछले 24 वर्षों से दुर्लभ जड़ी बूटियां एकत्रित कर वितरीत की जाती है।इस वर्ष चन्द्रग्रहण होने के कारण पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जड़ी-बूटी युक्त खीर प्रसादी तैयार कर श्वांस, दमा व अस्थमा पीड़ितों को चन्द्रग्रहण समाप्ति पश्चात स्नान ध्यान व शुद्धि​करण पश्चात देवी-देवताओं की आरती के बाद ब्रम्हमुहूर्त में खीर प्रसाद वितरीत किया जाएगा।

बर्फानीधाम आश्रम भारतीय शैली में बना है

बर्फानीधाम आश्रम परिसर का प्रवेश द्वार दक्षिण भारतीय शैली में बना है। आयोजन समिति के कमलेश्वर सिंह सिसौदिया ने बताया कि यह द्वारा भक्तों के बीच आकर्षण का केंद्र है। मंदिर परिसर में राजराजेश्वरी महात्रिपुरसुंदरी, बाल त्रिपुरसुंदरी, मां बगलामुखी, कालभैरव, भगवान गणेश, पारदेश्वर और चंद्रमलेश्वर महादेव के साथ दक्षिणमुखी हनुमान की मूर्तियां स्थापित हैं। इनके दर्शन का क्रम सुबह से शाम तक बना रहता है।

कार्यक्रम के संयोजक मनोज अग्रवाल ने बताया कि मारवाड़ी युवा मंच दमा के रोगियों के लिए आगामी 29 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के अवसर पर वैद्यनाथ की बनी कई दवाइयों के सम्मिश्रण से निर्मित, हज़ारों रोगियों पर जांची-परखी महाऔषधि खीर का नि:शुल्क वितरण करेगी।

प्रत्येक रविवार निश्शुल्क औषधि वितरण

बर्फानी धाम आश्रम में पिछले तीन दशक से प्रत्येक रविवार को आयुर्वेदिक औषधियों का निश्शुल्क वितरण सुबह 9 से 11 बजे तक किया जाता है। आश्रम परिवार के पुरुषोत्तम यादव ने बताया कि सैकड़ों श्रद्धालु विभिन्न प्रकार के असाध्य के रोगों के निवारण के लिए यहां पर बने औषधि भंडार से आयुर्वेदिक दवाइयां लेने आते हैं जिनका प्रत्येक रविवार को तांता लगा रहता है। हनुमान जयंती, गुरु पूर्णिमा, दीपावली पर श्रीयंत्र पूजन, गोवर्धन पूजा, दोनों नवरात्रि में अनुष्ठान, कन्या पूजन आदि होते हैं।

दवाई वर्ष में एक बार ही खिलाई जाती है

उन्होंने बताया कि चूंकि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा एवं पृथ्वी की दूरी न्यूनतम होती है, फलस्वरूप चंद्रमा की 16 कलाओं से निकलने वाली अद्भुत प्रभावशाली किरणें सम्पूर्ण सृष्टि पर एक सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। यह दवाई वर्ष में एक बार ही खिलाई जाती है। वैद्यनाथ के वैद्यजी के अनुसार यह महाऔषधि शरद पूर्णिमा की चांदनी रात से प्रकाशित खीर में मिलाकर दी जाती है। इस महाऔषधि को 5 वर्ष तक सेवन करना चाहिए।

एक सप्ताह तक सेवन निषेध

मारवाड़ी युवा मंच के निवर्तमान अध्यक्ष रामरतन शर्मा ने बताया कि इस महाऔषधि के पश्चात गरिष्ठ भोजन, मांस, मछली, तला-भुना, मिर्च, नशीले पदार्थ, सिगरेट, बीड़ी, पान-तंबाकू आदि का काम से कम एक सप्ताह तक सेवन निषेध है।

सचिव पारुल माहेश्वरी ने बताया कि यह महाऔषधि 29 अक्टूबर को प्रात: 4 बजे से 6.30 बजे (सूर्योदय से पहले) तक वितरित की जाएगी। इसका सेवन सूर्योदय से पहलेे करने पर ही लाभ होता है।कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सेक्टर 101 में हुई बैठक में संस्था के अध्यक्ष निलेश सिंघल, अनिल गोयल, कपिल लखोटिया दिनेश चांडक, कृष्णा सोनी, दिनेश बिहानी, सज्जन गुप्ता, तुषार अग्रवाल,मनोज चांडक, निखिल गोयल आदि उपस्थित थे।

30 हजार से भी अधिक पीड़ितों के लिए खीर प्रसाद तैयार

इस वर्ष भी संस्था द्वारा लगभग 30 हजार से भी अधिक पीड़ितों के लिए खीर प्रसाद तैयार करवाया जा रहा है। जिसे शरद पूर्णिमा की रात्रि चंद्रकला से प्राप्त होने वाली अमृतरूपी प्रसाद तैयार कर श्रद्धालुओं को निशुल्क वित​िरत किया जाएगा। इसके लिए संस्था ने व्यापक पैमाने पर तैयारी प्रारंभ कर दी है।

छत्तीसगढ़ नाचा पार्टी का कार्यक्रम आयोजित

वहीं पीड़ितों से पंजीयन कराकर अपेक्षा की है कि प्रसाद ग्रहण करने से 6 घंटा पूर्व व पश्चात न सोएं। संस्था द्वारा लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने की दृष्टिकोण से इस वर्ष भी वनवासी क्षेत्र मोहला छत्तीसगढ़ नाचा पार्टी का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। संस्था ने आयोजन को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व नगर निगम से भी सहयोग मांगा है। संस्था के द्वारा श्रद्धालुओं से अपेक्षा की गई है कि वे अपना पंजीयन मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ पहुंचकर अवश्य कराएं।

इस आयोजन को लेकर संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महंत गोविंद दास, गुरुचरण सिंह छाबड़ा, महेन्द्र लुनिया, दामोदर अग्रवाल, कमलेश सिमनकर, संतोष खंडेलवाल, सूरज जोशी, आलोक जोशी, लीलाधर सिंह, बलविंदर सिंह भाटिया, कुलबीर छाबड़ा, संजय खंडेलवाल, योगेन्द्र पांडे, मनीष परमार सहित अन्य सदस्यगण तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं।

इस बार चंद्रग्रहण के चलते मंदिर का पट बंद रहेगा

इस बार 28 अक्टूबर को चन्द्रग्रहण पड़ रहा है। ग्रहण का प्रारंभ रात्रि 1.05 बजे से होगा और मोक्ष रात्रि 2.23 मिनट को होगा व ग्रहण का सुतक संध्या 4 बजे से प्रारंभ होगा। इस कारण सिद्धपीठ का पट संध्या 4 बजे से लेकर ग्रहण समाप्ति तक बंद रहेगा। जिसके पश्चात समस्त देवी देवताओं व सिद्धपीठ का स्नान, ध्यान व शुद्धिकरण व आरती पश्चात पीड़ितों को जड़ी-बूटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण किया जाएगा। इस बार चूं​िक​ पूर्णिमा तिथि एक ही है और ग्रहण काल में दूध सहित बीमार बच्चे व वृद्धों को ग्रहण में मान्यता अनुरूप से छूट रहती है।

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