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1000 करोड़ के क्रिप्टो-पोंजी घोटाले में फंसे गोविंदा, EOW करेगी पूछताछ


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मुंबई –गोविंदा बॉलीवुड के जाने माने कलाकार हैं। उन्होंने एक वक्त पर इंडस्ट्री में बेहतरीन फिल्में दी हैं। वह अपने वक्त के सुपरहिट स्टार हुआ करते थे। लेकिन इन सब से परे अभिनेता गोविंदा विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, करोड़ों रुपये के क्रिप्टो-पोंजी घोटाले में अब ओडिशा आर्थिक अपराध शाखा (EOW) गोविंदा से पूछताछ करने वाली है। इसी के साथ अभिनेता की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।आइए पूरा मामला जानते हैं।

गोविंदा की सक्रियता फिल्माें में अब कम हो गई है। एक तरफ जहां प्रशंसक उनकी फिल्मों की राह देख रहे हैं, वहीं अब वह एक ऐसी वजह से चर्चा में आए हैं, जिससे उनके प्रशंसक दुखी हो जाएंगे।फिल्म अभिनेता गोविंदा से ओडिशा की इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग 1000 करोड़ रुपये के पोंजी स्कैम मामले में पूछताछ करने वाली है. हालांकि गोविंदा इस मामले में न तो आरोपी हैं और न ही उनपर संदेह है. पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू के अधिकारी जल्द मुंबई जाएंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक सोलर टेकनो अलायंस (STA-Token) ने कथित तौर पर क्रिप्टो इन्वेस्टेमेंट वेंचर के ज़रिए गैरकानूनी पोंजी स्कीम चलाई. इस कंपनी की दुनिया के कई देशों में ऑनलाइन मौजूदगी है. आरोप है कि स्कीम के ज़रिए कंपनी ने भारत के कई शहरों में 1000 करोड़ रुपये का स्कैम किया.

1,000 करोड़ रुपये के ऑनलाइन पोंजी घोटाले की जांच कर रही ओडिशा आर्थिक अपराध शाखा (EOW) अब जल्द ही गोविंदा से पूछताछ करेगी। अधिकारियों ने कहा कि सोलर टेक्नो एलायंस (STA-टोकन) नाम की कंपनी ने कई देशों में क्रिप्टो निवेश की आड़ में ऑनलाइन पोंजी योजना चलाई। अब इस सिलसिले में गोविंदा सवालों के कटघटरे में होंगे। दरअसल, इस कंपनी का गोविंदा ने कथित रूप से प्रचार-प्रसार और समर्थन किया था।

इस ऑनलाइन पोंजी स्कीम के ज़रिए कंपनी ने अनधिकृत तरीके से 2 लाख से ज्यादा लोगों से करीब 1000 करोड़ रुपये जमा करवाए. रिपोर्ट के मुताबिक गोविंदा ने इस कंपनी का प्रचार किया था. उन्होंने कंपनी के लिए प्रमोशनल वीडियो भी बनाए थे. इसी को लेकर इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग के अधिकारी अधिक जानकारी जुटाने के लिए गोविंदा से सवाल जवाब करने वाले हैं.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की शाखाएं देशभर में मौजूद हैं। इस घोटाले में 2 लाख से अधिक लोग झांसे में आए थे। कंपनी ने कथित तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना जमा राशि एकत्र की। अधिकारियों ने बताया कि पूरे भारत में 2 लाख से अधिक लोगों से करीब 1,000 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। EOW के मुताबिक, गोविंदा इस मामले में फिलहाल न तो संदिग्ध हैं और ना ही आरोेेपी। हालांकि उन्होंने ये ज़रूर कहा है कि मामले में उनका रोल तभी साफ हो पाएगा जब उनसे पूछताछ होगी. अगर गोविंदा इस केस में सिर्फ प्रचार तक ही सीमित हैं तो उन्हें गवाह बनाया जा सकता है.

EOW के इंस्पेक्टर जनरल जेएन पंकज ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “गोविंदा से केवल इसलिए पूछताछ की जाएगी, क्योंकि उन्होंने वीडियो में STA-टोकन का समर्थन किया था। उनके बयान से घोटाले के बारे में और सुराग ढूंढने की कोशिश करेंगे।” उन्होंने कहा, “गोविंदा जुलाई में गोवा में STA-टोकन के भव्य समारोह में शामिल हुए थे। अब जल्द ही पूछताछ के लिए हमारी टीम मुंबई रवाना होगी।” बता दें कि घोटाले का मुख्य आरोपी EOW की गिरफ्त में है।

पंकज ने कहा, “जांच के बाद ही गोविंदा की भूमिका पता चलेगी। अगर उनकी भूमिका उनके व्यावसायिक समझौते के अनुसार केवल कंपनी का प्रचार करने तक ही सीमित थी तो हम उन्हें अपने मामले में गवाह बना देंगे।” मालूम हो कि कंपनी की पोंजी योजना भद्रक, क्योंझर, बालासोर, मयूरभंज और भुवनेश्वर में धड़ल्ले से चलाई जा रही थी । इसने बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, असम और मध्य प्रदेश में भी निवेशकों से लाखों रुपये जमा किए।

धोखाधड़ी करने वाली इस कंपनी ने भद्रक, क्योंझर, बालासोर, मयुरभंज और भुवनेश्वर के करीब 10 हज़ार लोगों से 30 करोड़ रुपये इकट्ठा किए. इसके अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, असम, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में भी लोगों को अपना निशाना बनाया. कंपनी लोगों को इनवेस्ट करने के लिए कहती थी और साथ ही इनवेस्टर्स को अपने साथ दूसरे लोगों को भी जोड़ने के लिए कहती थी. लोगों के जोड़ने पर इंसेंटिव का भी वादा करती थी.

STA की शुरुआत सितंबर, 2021 में हुई थी। EOW ने बीते 7 अगस्त को कंपनी के मालिक और घटना के मुख्य आरोपी गुरतेज सिद्धू को सहयोगी निरोद दास संग गिरफ्तार किया था। भुवनेश्वर स्थित निवेश सलाहकार रत्नाकर पलाई की गिरफ्तारी 16 अगस्त को हुई थी।

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