Afghanistan : अफगान दूतावास के ट्विटर अकाउंट हैक? ‘काबुल का पतन US इतिहास की सबसे बड़ी हार’
काबुल – तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को देश का नया राष्ट्रपति घोषित किए जाने की संभावना है। तालिबान देश को फिर से ‘इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ का नाम दे सकता है। रविवार सुबह काबुल पर तालिबान लड़ाकों की दस्तक के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया। इसके अलावा उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी अफगानिस्तान को छोड़ दिया है। वहीं देशवासी और विदेशी भी युद्धग्रस्त देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच भारत में अफगान दूतावास के सूत्रों ने हाल के ट्वीट्स (जो बाद में डिलीट कर दिए गए) को लेकर बताया कि “अफगान दूतावास के ट्विटर अकाउंट पर असामान्य गतिविधि देखने को मिली है।”
"Unusual activity detected on the Twitter account of Afghan Embassy," say Afghan Embassy Sources on recent tweets which were later deleted.
— ANI (@ANI) August 16, 2021
अफगान सेना के साथ बीते कुछ महीनों के संघर्ष के बाद तालिबान ने आश्चर्यजनक रूप से एक सप्ताह में लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) एस्टोनिया और नॉर्वे के अनुरोध पर अफगानिस्तान की स्थिति पर सोमवार को आपात बैठक करेगी। तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद ब्रिटेन काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में जुट गया है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ब्रिटिश सैनिक देश के लोगों को काबुल से निकालकर स्वदेश लाने के लिए वहां पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को मंत्रिमंडल की आपात समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि ब्रिटिश नागरिकों और बीते 20 साल में अफगानिस्तान में ब्रिटिश सैनिकों की मदद करने वाले अफगानियों को जल्द से जल्द बाहर निकालना प्राथमिकता है।
वहीं तालिबान के उप नेता मुल्ला बरादर ने रविवार को कहा कि चरमपंथी संगठन की जीत अप्रत्याशित रूप से तेज रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में इस जीत का कोई मुकाबला नहीं है। तालिबान नेता का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर एक हफ्ते के बीच संगठन का कब्जा हो चुका है। अज जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शॉर्ट वीडियो में तालिबान द्वारा संभावित राष्ट्रपति उम्मीदवार बरादर ने कहा, असली परीक्षा अब लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और उनकी समस्याओं का समाधान कर उनकी सेवा करने से शुरू होगी।
इधर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के साथ जो किया है वह लिजेंडरी है। ये अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी हार में से एक होगी। ये एक ऐसा वक्त है, जब बाइडेन को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि अफगानिस्तान में उन्होंने वो सब होने दिया जो नहीं होना चाहिए था।’ ट्रंप ने कहा, बाइडेन प्रशासन की वजह से कोविड-19 (Covid-19) के मामलों में इजाफा हुआ, सीमा पर हालात बिगड़े, ऊर्जा स्वतंत्रता का विनाश हुआ और हमारी अर्थव्यवस्था अपंग हो गई। पूर्व राष्ट्रपति ने यहां तक कह दिया कि बाइडेन का इस्तीफा कोई बड़ी चीज नहीं होगी।