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Omicron से बचने का ये है उपाय, तुंरत उठाएं कदम


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नई दिल्ली – कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी है. बताया जा रहा है कि कोरोना के नए वेरिएंट में 50 स्पाइक म्यूटेशन होने से यह बेहद घातक है. इधर दक्षिण अफ्रीका में सार्स-कोव-2 वायरस के नए वेरिएंट का पता लगने के बाद उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने नाराजगी जताई है।

यात्रा प्रतिबंध सबसे पहले ब्रिटेन ने लगाए थे। दक्षिण अफ्रीका में जीनोमिक निगरानी के लिए बना नेटवर्क महामारी शुरू होने के बाद से ही सार्स-कोव-2 में होने वाले बदलावों की निगरानी कर रहा है। वायरस के नए वेरिएंट की पहचान बी.1.1.529 के तौर पर की गई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चिंता उत्पन्न करने वाला वेरिएंट घोषित करने के साथ ओमीक्रोन नाम दिया है।

ओमीक्रोन में अनुवांशिकी बदलाव की पहचान करने के आधार पर सैद्धांतिक रूप से चिंता जताई गई है कि यह वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले तेजी से फैल सकता है और पूर्व में हुए संक्रमण या टीके से उत्पन्न एंटीबॉडी के प्रति कम संवेदनशील है भले ही एंटीबॉडी पूर्व के वेरिएंट को अच्छी तरह से निष्क्रिय करते हों। टीकों से उत्पन्न एंटीबॉडी की वायरस से लड़ने की क्षमता अलग-अलग है और ओमीक्रोन के प्रति कौन सा टीका कितना असरदार है, इसका स्तर अलग-अलग हो सकता है जैसा कि बीटा वेरिएंट के साथ हुआ था। नए वैरिएंट के मद्देनजर कुछ कदम हैं जो नहीं उठाए जाने चाहिए और कुछ कदम ऐसे भी हैं जो तत्काल उठाए जाने चाहिए।

Omicron से बचने का ये है उपाय –
– बिना सोचे समझे अधिक प्रतिबंध नहीं लगाएं। दक्षिण अफ्रीका में महामारी की गत तीन लहरों में प्रतिबंध संक्रमण को कम करने में असफल साबित हुए हैं। खासतौर पर यह गौर करने के बाद की सीरो सर्वे और मॉडलिंग डाटा के मुताबिक यहां की 60 से 80 प्रतिशत आबादी वायरस से संक्रमित हुई है। बेहतर है कि आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले प्रतिबंध केवल उतने समय के लिए लगाए जाएं जब संक्रमण हो और यह करीब दो से तीन सप्ताह की अवधि है। दक्षिण अफ्रीका के संदर्भ में प्रतिबंधों का उच्च स्तर अव्यवहारिक है क्योंकि यहां कि अधिकतर आबादी आम तौर पर गरीब है।

– घरेलू (या अंतरराष्ट्रीय) यात्रा पर रोक नहीं लगाई जाए क्योंकि इसके बावजूद वायरस फैलेगा जैसा कि पहले हुआ था। यह मानना बचकाना होगा कि कुछ देशों द्वारा यात्रा प्रतिबंध लगाने से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। वायरस का प्रसार पूरी दुनिया में होगा बशर्ते कि आप द्विपीय देश हो और आप ने पूरी दुनिया से संपर्क तोड़ दिया हो।

– ऐसे नियमों की घोषणा नहीं करें जो स्थानीय संदर्भ में लागू नहीं किए जा सकें, और ऐसा नहीं दिखांए कि लोग उन्हें मानेंगे। इनमें शराब की बिक्री शामिल है क्योंकि पुलिस इसकी कालाबाजारी रोकने में असफल होगी।

– अधिक खतरे वाले लोगों को बचाने के तरीके में देरी या बाधा उत्पन्न नहीं करें। सरकारों द्वारा 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को दो खुराक के बाद फाइजर टीके की तीसरी खुराक दी जानी चाहिए। यह अन्य खतरे वाले समूह के लिए भी किया जाना चाहिए जैसे गुर्दे का प्रतिरोपण कराने वाले या कैंसर से जूझ रहे या कम प्रतिरोधक क्षमता से गुजर रहे लोगों को।

– सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता की चर्चा नहीं की जानी चाहिए क्योंकि यह अमल में नहीं आने वाला है और टीके के प्रति लोगों के भरोसे को कमतर करता है। पहली पीढ़ी के टीके कोविड-19 के गंभीर मामलों के लिए प्रभावी है लेकिन हल्के लक्षण वालों की रक्षा में कम एंटीबॉडी के स्तर या वायरस के नए स्वरूप के मामले में पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। टीकाकरण से संक्रमण दर काफी होगी जो मायने रखता है लेकिन हमारे जीवनकाल में ‘सामुदायिक प्रतरोधक’ क्षमता प्राप्त करना शायद संभव नहीं है। ऐसे में हमें यह बात करनी चाहिए कि कैसे हम वायरस के साथ रह सकते हैं। ऐसे कार्यों की भी सूची है जिन्हें ओमीक्रोन स्वरूप के मद्देनजर किया जाना चाहिए भले ही यह डेल्टा स्वरूप का स्थान लेता हो या नहीं।

तुंरत उठाएं ये कदम –
– व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था हो।

– बंद स्थान में आयोजित कार्यक्रमों या अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वालों के लिए टीका पासपोर्ट की व्यवस्था लागू की जाए, जिनमें प्रार्थना स्थल और सार्वजनिक परिवहन शामिल हो। टीकाकरण कराना या नहीं करना मौजूदा समय में वैकल्पिक है लेकिन इस विकल्प का दुष्प्रभाव पड़ता है।

– शिविर का आयोजन करना जहां लोग टीका लगवा सके और लक्षित समूह तक पहुंचने का कार्यक्रम शामिल है।

– तत्काल 65 साल से अधिक उम्र के सबसे खतरे वाले लोगों और उन लोगों को जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है उनकी सुरक्षा के उपाय किए जाए।

– क्षेत्रीय स्तर पर अस्पतालों के बिस्तरों की निगरानी की जाए ताकि किसी एक केंद्र पर अधिक दबाव नहीं हो। स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ने की आशंका होने पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है।

– पूर्व की गलतियों से सीखें और अगला कदम उठाने के लिए साहसिक रुख अपनाएं।

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