x
ट्रेंडिंगविश्व

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट -जाने क्या होगा आगे


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ शुक्रवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने कहा- पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध अपराध किए हैं। वो यूक्रेनी बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के अपराध के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, रूस ने युद्ध अपराधों के आरोपों से इनकार किया है। वारंट पर यूक्रेन की तरफ से भी प्रतिक्रिया दी गई है। युद्धग्रस्त देश ने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। वारंट के बाद अब पुतिन के सामने और भी मुश्किल चुनौतियां आने वाली हैं।

रूस ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट (Arrest Warrant) पर करारा जवाब दिया है। क्रेमलिन ने अरेस्ट वारंट को टॉयलेट पेपर करार दिया है। क्रेमलिन (Kremlin) ने कहा कि आईसीसी का ये कदम अवैध है. मॉस्को इसको मान्यता नहीं देता है। आईसीसी के पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट के बाद टॉप रूसी अधिकारी भी आगबबूला हैं,आईसीसी के इस फैसले का वे कड़ा विरोध कर रहे हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुए एक साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। न रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जिद छोड़ने को तैयार हैं और ना ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की हार मानने को तैयार हैं। पश्चिमी देश यूक्रेन को हर संभव मदद पहुंचाकर पुतिन के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इसके बावजूद रूस यूक्रेन को तबाह करने पर तुला है। यूरोपीय देशों के बाद अब अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने रूसी राष्ट्रपति की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों के लिए पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

सबसे पहली समस्या यही है कि रूस, अमेरिका और चीन की तरह ICC का सदस्य नहीं है। ICC पुतिन के खिलाफ आरोप दायर करने में सक्षम था क्योंकि यूक्रेन ने मौजूदा स्थिति पर अपने अधिकार क्षेत्र को स्वीकार कर लिया है, हालांकि यूक्रेन भी ICC का सदस्य नहीं है।

रूस के पूर्व राष्ट्रपति और रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दमित्री मेदवेदेव ने पुतिन के लिए आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की। इसको लेकर मेदवेदेव ने ट्विटर पर लिखा, “इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। टॉयलेट पेपर इमोजी के साथ यह बताने की जरूरत नहीं है कि इस पेपर का इस्तेमाल कहां किया जाना चाहिए।” बता दें कि ICC ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति और रूसी अधिकारी मारिया अलेक्सेयेवना लावोवा-बेलोवा के खिलाफ यूक्रेनी बच्चों को रूस भेजने की कथित योजना के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। लीडेन विश्वविद्यालय में सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय कानून के सहायक प्रोफेसर सेसिली रोज कहते हैं, ‘जब तक रूस में शासन परिवर्तन नहीं होता है, तब तक पुतिन को युद्ध अपराधों के लिए कटघरे में खड़े करने की संभावना नहीं है।’

क्रेमलिन ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट को अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया है. क्रेमलिन ने कहा है कि आईसीसी के फैसले का कानूनी रूप से कोई महत्व नहीं है. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि पुतिन के खिलाफ आईसीसी का वारंट जारी करना सिर्फ एक शुरुआती कदम है. आईसीसी के फैसले को जेलेंस्की ने न्याय बहाल करने की दिशा में पहला कदम बताया. वहीं ब्रिटेन ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है.

Back to top button