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Women’s Day 2024 : अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्‍यों मनाते हैं?,जानें इतिहास और महत्व


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नई दिल्लीः दुनियाभर में हर साल 8 मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर महिलाओं और उनसे जुड़े मुद्दों को समर्पित है। हर साल इस खास दिन को एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन को मनाने के शुरुआत कैसे और कब हुई। हर साल 8 मार्च को ही इस दिन को क्यों सेलिब्रेट किया जाता है। अगर आप भी इन सवालों के जवाब से अनजान हैं, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं महिली दिवस के इतिहास और इससे जुड़ी सभी जरूरी बातों के बारे में-

कब है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 ?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। हर साल 8 मार्च को महिलाओं को सशक्त बनाने वाले इस दिन को विश्व स्तर पर मनाते हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1909 में हुई थी।

महिला दिवस का इतिहास

महिला दिवस को मनाने के पीछे साल 1908 में न्यूयॉर्क में हुई एक रैली का अहम योगदान है। दरअसल, इस साल न्यूयॉर्क में 12 से 15 हजार महिलाओं ने एक रैली का आयोजन किया था। रैली करने वाली इन महिलाओं की मांग थी कि उनकी नौकरी के कुछ घंटे कम किए जाए। साथ ही उन्हें वेतन भी उनके काम के मुताबिक दिया जाए। इसके साथ ही इन लोगों की यह भी मांग थी कि उन्हें वोट देने का भी अधिकार मिले। इस आंदोलन के एक साल बाद अमेरिका के सोशलिस्ट पार्टी ने पहले नेशनल वीमेन डे की घोषणा की थी।बाद में साल 1911 में डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, जर्मनी में पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सेलिब्रेट किया गया था। इसके बाद 8 मार्च, 1975 को संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी। इसके बाद से हस साल इस दिन को एक स्पेशल थीम के साथ मनाना शुरू किया गया।

महिला दिवस मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का खास मकसद समाज में महिलाओं को बराबरी को हक दिलाना है। साथ ही इसका उद्देश्य हर एक महिला को उनका हक दिलाना भी है। साथ ही किसी भी क्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने के मकसद से भी इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के अधिकारों की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें जागरुक करने के मकसद से कई कार्यक्रम और कैंपेन भी आयोजित किए जाते हैं।

मजदूर आंदोलन की उपज है महिला दिवस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस वास्‍तव में एक मजदूर आंदोलन की उपज है. इसकी शुरुआत साल 1908 में हुई थी, जब अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में करीब 15 हजार महिलाएं अपने हक के लिए सड़कों पर उतरी थीं. इन महिलाओं की मांग थी नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का अधिकार. महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के एक साल बाद, अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी.

8 मार्च को ही क्‍यों मनाते हैं महिला दिवस?

महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार एक महिला क्लारा ज़ेटकिन का था. क्लारा ज़ेटकिन ने वर्ष 1910 में विश्व स्तर पर महिला दिवस मनाने का प्रस्ताव किया था. क्लारा उस वक़्त यूरोपीय देश डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में शिरकत कर रही थीं. वहां मौजूद सभी महिलाओं ने उनका समर्थन किया और साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में पहली बार महिला दिवस मनाया गया. इसके बाद 1975 को संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी और इसे मनाने के लिए 8 मार्च की तिथि निर्धारित की. तब से हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही सेलिब्रेट किया जाता है.

हर साल निर्धारित की जाती है थीम

हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस की थीम निर्धारित की जाती है. साल 2024 की थीम है- Inspire Inclusion. इसका मतलब है एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले. पिछले साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एम्ब्रेस इक्विटी’ पर रखी गई थी.

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