पाकिस्तान से करीबी बढ़ाना चाहता है रूस,दोनों देशों के बीच बढ़े आर्थिक संबंध
नई दिल्ली – पाकिस्तान पहुंचने के बाद रूसी विदेश मंत्री का बड़ा बयान आया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश पाकिस्तान के साथ मजबूत और विस्तृत रिश्ते चाहता है। लावरोव का यह बयान सोमवार को रूस-पाकिस्तान संबंधों के 75 साल पूरे होने के मौके पर आया है। एक वीडियो के माध्यम से उन्होंने जो बात कही, उसे पाकिस्तान की मीडिया में काफी तवज्जो मिली है। कुछ इसी तरह का बात पाकिस्तानी विदेश मत्री बिलावल भुट्टो ने भी अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में कही है। दिलचस्प बात है कि दोनों ही देशों के रिश्ते शीत युद्ध के समय से ही काफी खराब थे।
रूस के विदेश मंत्री ने अपने वीडियो में पाकिस्तान में चल रहे और भविष्य में लाए जाने वाले प्रोजेक्ट्स पर भी बात की और कहा कि “1980 के दशक में कराची में सबसे बड़ी स्टील मिल, जिसे अब पाकिस्तान स्टील मिल कहा जाता है, उसका निर्माण उस वक्त रूस की भागीदारी से किया गया, जब अफगानिस्तान संघर्ष चल रहा था और उसके बाद भी रूस ने पाकिस्तान की मदद की थी, जो दोनों देशों के जुड़ाव का स्पष्ट संकेत है।
रूस से आया तेल पाकिस्तान के लिए फायदेमंद होगा या नहीं, इसका अनुमान लगाने के लिए ही पहली खेप को पाकिस्तान भेजा गया है। रूस ने काफी रियायती दरों पर यह पहली खेप पाकिस्तान को दी है। लावरोव ने एक वीडियो मैसेज में कहा, ‘हम रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए पाकिस्तानी लोगों की रुचि और सम्मान के बारे में जानते हैं। हम इसकी बहुत सराहना भी करते हैं।’
रूस लोगों की सांस्कृतिक और सभ्यतागत विविधता और उनके राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के रास्ते खुद तय करने के उनके अधिकार का सम्मान करता है। लावरोव की मानें तो रूस उन नैतिक मूल्यों को समझता है जो मोहम्मद अली जिन्ना के विश्वास, एकता और अनुशासन के सिद्धांतों के अनुरूप है। उनके मुताबिक रूस अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के साथ रचनात्मक सहयोग को बहुत महत्व देता है। उन्होंने आगे कहा कि रूस राजनीति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, सांस्कृतिक और मानवीय क्षेत्रों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से फायदेमंद संबंधों को मजबूत करने, पाकिस्तान और लोगों के साथ आगे के जुड़ाव पर एक साथ काम करने का इच्छुक है।