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Review : देशभक्त से लबरेज है सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म Shershaah, एक बार जरूर देखें

मुंबई – सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म Shershaah आज अमेज़ॉन प्रीमियर पर रिलीज हो गया है। तमिल में बतौर निर्देशक आठ फिल्में बना चुके विष्णुवर्द्धन पहली बार हिंदी में हाथ आजमाए है। निर्माता करन जौहर की यह फिल्म कारगिल युद्ध (1999) के परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन से प्रेरित है। बात-बात में विवादों से उबल जाने वाले इस दौर में निर्माता फिल्म से पहले डिसक्लेमर में साफ कर देते हैं कि इसे शहीद की हू-ब-हू कहानी न माना जाए।

यह सिर्फ उनके जीवन की घटनाओं से प्रेरित है। जिसमें सेना से जुड़े दृश्यों को फिल्माने में बहुत सावधानी बरती गई है। कोई भूल-चूक हो भी तो वह जानबूझ कर या किसी की भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं है। सिनेमा संवेदनशील दौर में संभल-संभल कर कदम बढ़ा रहा है। जरा-सी गलती निर्माता-निर्देशक-कलाकार को देशद्रोही-समाजद्रोही बता कर कठघरे में खड़ा कर सकती है। कारगिल युद्ध का यूं तो कई हिंदी फिल्मों में जिक्र आया है मगर इस पर एलओसी, लक्ष्य, स्टंप्ड, धूप, टैंगो चार्ली और मौसम से लेकर गुंजन सक्सेना जैसी फिल्में बनी हैं।

फिल्म में यह बात बताई गई है, जो निश्चित ही पाकिस्तान को आईना दिखाएगी। दो घंटे से अधिक की शेरशाह में यूं तो सैनिक के रूप में विक्रम बत्रा के पराक्रम पर फोकस है लेकिन इसे आम लोगों के लिए मनोरंजक बनाने के वास्ते लव स्टोरी भी सधे हुए अंदाज में पिरोई गई है। चंडीगढ़ के एक कॉलेज में पढ़ने वाले विक्रम बत्रा (सिद्धार्थ मल्होत्रा) को सिख-बाला डिंपल (कियारा आडणाणी) से मोहब्बत हो जाती है। जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए शादी के इरादों तक पहुंचती है मगर डिंपल के पिता को रिश्ता मंजूर नहीं। बावजूद इसके जब लगता है कि यह प्यार सुखद अंजाम तक पहुंचेगा, तभी कारगिल युद्ध शुरू हो जाता है और घरवालों से मिलने आया विक्रम तुरंत ड्यूटी पर लौट जाता है। जब दोस्त उससे कहता है कि जल्दी लौटना तो विक्रम का जवाब होता हैः तिरंगा लहरा कर आऊंगा, नहीं तो उसमें लिपट कर आऊंगा।

विष्णुवर्द्धन ने कैप्टन विक्रम बत्रा के शौर्य को विस्तार से फिल्माया है और पाकिस्तानियों द्वारा कब्जाई दो चोटियों को छुड़ाने में उनकी भूमिका पर विशेष फोकस किया है। शेरशाह में कारगिल युद्ध का पूरा अभियान रोचक ढंग से दिखाया गया है और लड़ाई के दृश्यों को विश्वनीय ढंग से फिल्माया गया है। फिल्म दर्शक को युद्धभूमि में ले जाती है। नवयुवक विक्रम बत्रा की भूमिका को सिद्धार्थ मल्होत्रा ने खूबसूरती से निभाया है और उनका अभिनय यहां अच्छा है। सैनिक की कद-काठी में वह जमे हैं. वहीं कियारा आडवाणी भी डिंपल की भूमिका में संजीदा दिखती हैं।

अन्य सहयोगी कलाकार अपनी-अपनी जगह सही हैं। शेरशाह की कथा, पटकथा और संवाद संदीप श्रीवास्तव ने लिखे हैं। उन्होंने अपना काम सफलतापूर्वक किया है। कमलजीत नेगी ने कैमरे पर पूरा नियंत्रण रखा और युद्ध के दृश्यों को जीवंत बनाया है। ऐक्शन दृश्य भी यहां रोमांचित करने वाले हैं। 15 अगस्त आ रहा है और यह देशभक्ति के जज्बे का दौर है। ऐसे में शेरशाह निश्चित ही इस मौसम की फिल्म है।

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