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इजरायल पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा ईरान,अमेरिका को दी कड़ी चेतावनी


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नई दिल्लीः इजराइली सेना मौजूदा समय में हमास के लड़ाकों के खिलाफ गाजा पट्टी में आमने-सामने है. दोनों देशों के बीच पिछले काफी समय से युद्ध चल रहा है. इजराइली सैनिक चुन-चुनकर हमास के लड़ाकों को अपना निशाना बना रहे हैं. हाल ही में सीरिया की राजधानी दमिश्क में स्थित ईरानी वाणिज्यिक दूतावास को इजराइली सैनिकों की तरफ से टार्गेट किया गया है. जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तल्खी काफी बढ़ गई है. ईरान का कहना है कि वह जल्द ही हमले का जवाब देगा. जिसके बाद इजराइली सरकार भी हरकत में आ गई है. ईरान के साथ चल रहे तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार ने अपने सभी सैनिकों की छुट्टी रद्द कर दी है.

ईरान सीरिया में अपने दूतावास पर हमले के बाद इजराइल से बदला लेने की तैयारी

ईरान सीरिया में अपने दूतावास पर हमले के बाद इजराइल से बदला लेने की तैयारी कर रहा है। इस बीच शनिवार को ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वो इजराइल और उनके मसले के बीच न आए।ईरानी राष्ट्रपति के ‘डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ’ मोहम्मद जमशीदी ने अमेरिका से कहा, “इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू के जाल में न फंसें। अगर आप चाहते हैं कि हमले में आपको नुकसान न हो तो मामले से दूर रहें।”जमशीदी ने बताया अमेरिका ने उनकी चेतावनी पर कहा है कि उनके ठिकानों पर हमले नहीं होने चाहिए। CNN ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा, ‘ईरान की चेतावनी को लेकर अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर है।’दरअसल, 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास के पास एयरस्ट्राइक की थी। इसमें ईरान के दो आर्मी कमांडर्स समेत 13 लोग मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने इजराइल को बदला लेने की धमकी दी थी।

ईरानी हमले को लेकर इजराइल सतर्क

इजराइल को ईरान की तरफ से हमले की आशंका है। इसलिए उसने अपना GPS नेविगेशन सिस्टम बंद कर दिया है। माना जाता है कि गाइडेड मिसाइलों के हमलों को रोकने के लिए GPS को बंद किया जाता है।इसके अलावा सभी सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं। सेना ने कहा कि हमारे सैनिक पहले से युद्ध में हैं। स्थिति को देखते हुए अस्थायी लड़ाकू इकाइयों की छुट्टी रद्द की गई है। इतना ही नहीं एयर डिफेंस कमांड को अलर्ट पर रखा गया है। कई शहरों में एंटी बॉम्ब शेल्टर शुरू कर दिए गए हैं। लोगों से कहा गया है कि वे किसी प्रकार के डर में न रहें और न ही घरों में जरूरत से ज्यादा राशन जुटाएं।

इजराइल ने सीरिया में हमला क्यों किया…

इजराइल ने सीरिया में एयरस्ट्राइक के जरिए ईरान को यह मैसेज देना चाहा कि अगर वह हमास और हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों की मदद करता रहा तो उसके ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा। सीरिया में ईरान की एंबेसी है और वहां उसके कई सैनिक भी मौजूद हैं जो वहां के राष्ट्रपति बशर अल असद के लिए विद्रोही गुटों से लड़ रहे हैं। 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के करीब ऐसे ही ठिकानों को निशाना बनाया था।

गाजा जंग में फंसे इराक और सीरिया

सीरिया में 1 अप्रैल को जैसे ही ईरान के दूतावास पर हमला हुआ तो सबसे पहले बयान अमेरिका का आया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में उनका हाथ नहीं है। दरअसल, गाजा में इजराइल और हमास के बीच जंग शुरू होने के बाद अमेरिका और इजराइल की तरफ से इराक और सीरिया में कई ईरानी ठिकानों पर हमले हुए हैं।बदले में ईरान ने अमेरिका और इजराइली ठिकानों को निशाना बनाया है। इसके चलते इराक ने सभी देशों से अपील कि है कि वो उनके मुल्क को अपनी दुश्मनी की भेंट न चढ़ाएं। इराक ने अमेरिका से कहा कि वो उनके देश से अपने सारे सैनिक निकाल ले। इसे लेकर इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी 15 अप्रैल को अमेरिका का दौरा करेंगे। सुदानी और बाइडेन से मुलाकात में इराक से अमेरिकी सैनिक निकालने का पूरा प्लान तैयार किया जाएगा।

‘अमेरिका भी हाई अलर्ट पर’

ईरान द्वारा कथित रूप से भेजे गए संदेश पर अमेरिका की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है. हालांकि सीएनएन ने बताया कि अमेरिका हाई अलर्ट पर है और क्षेत्र में इजरायली या अमेरिकी ठिकानों के खिलाफ ईरान से ‘महत्वपूर्ण’ प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है.वहीं एनबीसी ने दो अनाम अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन चिंतित है कि इज़रायल के अंदर कोई भी हमला हो सकता है. वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडन प्रशासन ने ईरान को सीधे सूचित करने का असामान्य कदम उठाया कि अमेरिका इस बात से अनभिज्ञ था कि दमिश्क में सोमवार को हमला होगा. इससे पता चलता है कि अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सेना और ठिकानों पर हमले को रोकने की कोशिश कर रहा था.

‘कट्टर दुश्मन को थप्पड़ मारेगा ईरान’

उधर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ने कहा है कि वह अपने कट्टर दुश्मन इजरायल को एक ‘थप्पड़’ मारेगा. फिर भी, यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा कब होगा और क्या ईरान सीधे इज़रायल पर हमले की कोशिश करेगा या लेबनान में स्थित हिजबुल्लाह जैसे अपने किसी प्रॉक्सी समूह के जरिये इसे अंजाम देगा.

इजरायल ने सैनिकों की छुट्टियां की रद्द, GPS सिग्नल भी ब्लॉक

इस हमले के बाद ईरान से इजरायल इसका बदला लेने की कसम खाई है. वहीं इजरायल भी तब से अलर्ट पर है और उसने लड़ाकू सैनिकों की घरेलू छुट्टियां रद्द कर दी हैं. इसके साथ ही रिजर्व सैनिकों को ड्यूटी पर बुला लिया है और हवाई सुरक्षा बढ़ा दी है. इसकी सेना ने देश पर दागे जा सकने वाले जीपीएस-नेविगेटेड ड्रोन या मिसाइलों को बाधित करने के लिए गुरुवार को तेल अवीव के ऊपर नैविगेशन सिग्नल को भी खंगाला.टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, इसरायली लोगों से अपील की गई है कि वे रॉकेट हमलों को लेकर अलर्ट जारी करने वाली ऐप पर अपनी लोकेशन मैन्युअली सेट करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जीपीएस इंटरफेयरेंस के बीच आम लोगों की लोकेशन ठीक सटीक रहे.

पश्चिम एशिया में लड़ाई बढ़ने की बढ़ी आशंका

इस्राइल द्वारा काफी दिनों से सीरिया में ईरान से जुड़े ठिकानों पर हमला किया जा रहा था, लेकिन ताजा हमला अपने आप में पहला है, जिसमें ईरानी दूतावास को निशाना बनाया गया। ईरानी दूतावास पर हमले में हिजबुल्ला के लड़ाके भी मारे गए हैं। अब हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्ला ने शुक्रवार को कहा कि ‘बेशक ईरान जवाब देगा’, लेकिन उन्होंने कहा कि ‘हिजबुल्ला इसमें कोई दखल नहीं देगा।’ इस्राइल हमास युद्ध के बीच ईरान द्वारा इस्राइल पर हमले की तैयारी से संघर्ष के पश्चिम एशिया के बड़े इलाके में फैलने का डर भी पैदा हो गया है।

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