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बिजनेस

बिटक्वाइन के निवेशक मालामाल,बिटकॉइन के भाव 56,000 डॉलर के पार

नई दिल्ली – क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है और इसके दाम में जोरदार उछाल आ गया है. दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम 27 फरवरी को 56,000 डॉलर पर आ गए हैं और ये 26 महीनों यानी 2 साल 2 महीनों के बाद देखा गया है. पिछली बार ये लेवल दिसंबर 2021 में देखे गए थे जबकि इससे पिछले महीने यानी नवंबर 2021 के दौरान बिटकॉइन अपने ऑलटाइम हाई 69,000 डॉलर के रेट पर पहुंचा था.

एंटरप्राइस सॉफ्टवेयर फर्म माइक्रोस्ट्रेटजी ने एक बयान में बताया कि इस महीने उसने 3000 से ज्यादा टोकन खरीदा है.अब कपंनी के पास करीब 10 बिलियन डॉलर (करीब 82,894 करोड़ रुपए) वैल्यू के बिटकॉइन हैं।11 जनवरी को ट्रेड के दौरान बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में करीब 5.6 बिलियन डॉलर (करीब 46,415 करोड़) का निवेश हुआ था. कॉइनगेको के मुताबिक, डिजिटल एसेट की कंबाइंड वैल्यू करीब 2.2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1.82 लाख करोड़ रुपए) है.

सुबह को बिटक्वाइन की कीमतें साल 2021 के अंत के बाद पहली बार 57,000 डॉलर के पार निकल गई हैं. अमेरिका के ट्रेडिंग सेशन में 5% उछलने के बाद मंगलवार को सुबह सिंगापुर में दुनिया के इस सबसे बड़े डिजिटल एसेट में 4.4% की तेजी देखने को मिली और ये 57,039 डॉलर तक चला गया.बिटक्वाइन को लेकर तमाम विवादों और उठापक के बावजूद निवेशकों के मन में इसे लेकर आकर्षण बढ़ रहा है, यही वजह है कि इस साल की शुरुआत से ही बिटक्वाई के भाव 30% तक बढ़ चुके हैं, जिसने एक लंबी रैली को आगे बढ़ाया है. जिसकी वजह से ईथर और BNB जैसे छोटे टोकनों को लेकर भी निवेशकों के बीच एक चाहत पैदा की है.

बिटकॉइन के रेट को लेकर लोगों में अक्सर उत्सुकता बनी रहती है क्योंकि ये हाई रिस्क-हाई रिटर्न देने वाला ऐसेट है. साल 2010 और 2020 के दौरान इसने 9,000,000 फीसदी (सूत्र-कॉइनडेस्क) का रिटर्न दिया है जो असाधारण है.

क्या है क्रिप्टो करेंसी?

क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है. इसका इस्तेमाल गुड्स और सर्विसेज का पेमेंट करने के लिए किया जाता है.क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क बेस्ड डिजिटल करेंसी है. इसे कंपनी या इंडिविजुअल कोई भी टोकन के रूप में जारी कर सकता है. इन टोकन्स का यूज जारी करने वाली कंपनी के गुड्स और सर्विसेज खरीदने के लिए ही होता है.इसे किसी एक देश के करेंसी की तरह कंट्रोल नहीं किया जा सकता है. इसका पूरा ऑपरेशन ऑनलाइन होता है, जिसके चलते इसमें उतार चढ़ावा होता रहता है.दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर रिलीज किया गया था.इसे बनाने वाली ग्रुप को सातोशी नाकामोतो के नाम से जाना जाता है.

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