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लाइफस्टाइल

हड्डियों को कमजोर बना रही हैं ये आदतें,कम उम्र में ही आ जाएगा बुढ़ापा-जानें


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नई दिल्लीः शरीर तभी स्वस्थ रह पाता है जब सब अंग सही से काम काज कर रहे हों. शरीर के ढांचे की बात करें तो हड्डियों (Bone health)की मजबूती काफी जरूरी मानी जाती है. लेकिन नए जमाने में गलत खान पान और गलत जीवनशैली के चलते हड्डियां उम्र से पहले कमजोर हो रही है. जब हड्डियां कमजोर होती हैं तो गठिया यानी अर्थराइटिस और अन्य कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं. उम्र से पहले हड्डियों का कमजोर होकर टूटना या जोड़ों में दर्द होना दरअसल शरीर कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण होता है. चलिए जानते हैं कि हड्डियों (bad habits for bone health)को मजबूत रखने के लिए हमें किन तीन आदतों को दूर रखना चाहिए.हड्डियों के कमजोर होने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जिसमें फ्रैक्चर होने का खतरा ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी से संबंधित अन्य बीमारियों शामिल हैं। इससे बचने के लिए डाइट के अलावा लाइफस्टाइल में भी कुछ बदलाव करने जरूरी हैं।

आज के दौर में कम उम्र के लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं. हड्डियों के मरीजों के संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. बड़ी तादाद में युवा हड्डियों की समस्याओं से जूझ रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक भारत में 10 करोड़ से अधिक लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटाइड अर्थराइटिस जैसे मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर से पीड़ित है. इससे उन्हें असहनीय दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ता है. तेजी से बदल रही लाइफस्टाइल भी हड्डियों और जोड़ों को नुकसान पहुंचा रहा ही. युवावस्था के दौरान अनहेल्दी खान-पान और बिना फिजिकल एक्टिविटी वाली लाइफस्टाइल भी हड्डियों को कमजोर कर सकती है. इससे भविष्य में हड्डियों की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. मजबूत हड्डियों और जोड़ों को बढ़ावा देने के लिए, नियमित शारीरिक गतिविधि के साथ कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर डाइट लेना बेहद महत्वपूर्ण है.

हड्डियों को कमजोर करने के लिए जिन तीन आदतों की बात कही जाती है , उनमें पहली है कैल्शियम और विटामिन डी की कमी. आजकल का जंक फूड खाकर बच्चे और बड़े अपनी हड्डियों को कमजोर कर रहे हैं. बच्चे दूध पीने में आनाकानी करते हैं जबकि दूध से शरीर के लिए जरूरी कैल्शियम मिलता है. इसकी बजाय लोग आजकल जंक फूड और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स की तरफ जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी पूरी की जाए.

अंकुर दास कहते हैं कि अनहेल्दी खान-पान और गतिहीन लाइफस्टाइल युवाओं की हड्डियों और जोड़ों को नुकसान पहुंचा रही है. कैल्शियम और विटामिन जैसे पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थ न खाने से हमारी हड्डियां कमजोर होती चली जा रही हैं. ऐसे में उम्र बढ़ने पर हड्डियों के आसानी से टूटने का खतरा बढ़ता चला जाता हैं. शुगर और अनहेल्दी फैट वाले जंक फूड्स का सेवन करने से हमारे जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न की समस्या पैदा हो रही है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल, जंक फूड्स का सेवन और कैल्शिय व विटामिन वाले फूड्स से दूरी बनाने की वजह से युवाओं की हड्डियां कमजोर हो रही हैं. ये तीन गलत आदतें बोन हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक हैं.

कामकाज के प्रेशर के चलते अगर आप भी देर तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं या फिर नियमित तौर पर एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं तो ये आदत आपकी हड्डियों का बैंड बजा सकती है. हड्डियों के लचीलेपन और मजबूती के लिए नियमित तौर पर फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है. इसके लिए आपको जॉगिंग, स्किपिंग करनी चाहिए. आप चाहें तो रोज आधा घंटा भी वॉक करेंगे तो भी आपकी हड्डियां मजबूत रहेंगी.

डॉ अंकुर दास के अनुसार तेजी से भागती दौड़ती जिंदगी में अधिकतर लोग वाहनों का काफी प्रयोग कर रहे हैं, जिसकी वजह से वे फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर पा रहे. इसकी वजह से आर्थोपेडिक समस्याएं बढ़ रही हैं. मस्कुलोस्केलेटल परेशानियों के जोखिम को कम करने के लिए सभी को शारीरिक गतिविधियां करनी चाहिए.अगर हम बहुत अधिक समय बैठे रहने या सक्रिय न रहने में बिताते हैं, तो हमारी मांसपेशियां कमजोर होती चली जाती हैं. इससे हमारे जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ना शुरू हो जाता है.

एक्सपर्ट के मुताबिक अगर हमारे शरीर की वृद्धि के लिए हेल्दी डाइट की आवश्यकता है तो हमारे शरीर को मजबूत रखने के लिए व्यायाम की भी जरूरत होती है. यदि हम अभी अपनी हड्डियों और जोड़ों का ख्याल नहीं रखते हैं, तो इससे उम्र बढ़ने पर दर्द और चलने-फिरने में परेशानी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. अपने शरीर की हड्डियों और जोड़ों को मजबूत रखने के लिए स्वस्थ भोजन खाएं, खेलें, दौड़ें और मनोरंजक शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों. अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे, तो लंबी उम्र तक आपकी हड्डियां मजबूत रहेंगी.

अक्सर लोग धूप से बचते हैं,लेकिन देखा जाए तो हड्डियों की मजबूती के लिए कुछ देर सन एक्सपोजर जरूरी है. इससे हमारी हड्डियों को जरूरी विटामिन डी मिलता है. लेकिन अक्सर लोग गाड़ियों में चलते हैं और सांवला होने के डर से धूप में नहीं जाते. ये आदतक हमारी हड्डियों को कमजोर कर रही है. इसलिए जरूरी है कि रोज कुछ देर सन एक्सपोजर किया जाए ताकि शरीर को विटामिन डी मिल सके.

घंटों तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठे रहने से मांसपेशियां स्थिर हो जाती हैं और अचान उठने और हिलने के लिए हड्डियों को अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है। ऐसा हर रोज करने से समय के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसलिए मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने के लिए नियमित कसरत और काम के बीच में कुछ मिनट का ब्रेक जरूरी है। इसके लिए वॉकिंग, रनिंग या फिर वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेचिंग जैसी आदतें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

दोस्तों के साथ पार्टी करना और शराब पीना भले ही मजेदार लगता हो, लेकिन यह हड्डियों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। अल्कोहल कैल्शियम को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में बाधा डालता है, जिससे वे कमजोर होते चले जाते हैं। इसके अलावा अल्कोहल बोन रीमॉडेलिंग को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे बोन डेंसिटी में कमी आ सकती है।

स्मोकिंग आज के मॉडर्न लाइफ को दर्शाने का तरीका बन चुका है। इसके अलावा कुछ लोग इसे स्ट्रेस कम करने का एक शानदार तरीका मान बैठे हैं। लेकिन शायद वो नहीं जानते हैं कि धूम्रपान केवल फेफड़े ही नहीं बल्कि शरीर के लगभग हर हिस्से के लिए हानिकारक है। स्मोकिंग हड्डियों के लिए जरूरी कैल्शियम और अन्य न्यूट्रिएंट्स को अवशोषित करने में बाधा डालता है। इसके अलावा बोन डेंसिटी को भी कम करता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा और भी बढ़ जाता है।

जब व्यक्ति तनावग्रस्त होता है, तो शरीर कोर्टिसोल नाम का हार्मोन रिलीज करता है, जो हड्डियों को रीबिल्ड करने में बाधा डालता है। पुराने तनाव से हड्डियों की डेंसिटी भी कम होने लगती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगली बार जब आप तनावग्रस्त हों, तो योग करें या फिर गहरी सांस लेकर अपने दिमाग को आराम देने की कोशिश करें।

कॉफी लवर्स को ये बात परेशान कर सकती है, लेकिन शरीर में ज्यादा कैफीन की मात्रा हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकती है। कॉफी और चाय के अलावा कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स में भी कैफीन पाए जाते हैं। हाई कैफीन के इस्तेमाल से शरीर कैल्शियम को ठीक से अब्सॉर्ब नहीं कर पाता, जिससे हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है।

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