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1 जनवरी से ऑनलाइन फूड डिलीवरी सर्विस हो जाएगी महंगी


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मुंबई – अगर आप भी खाने-पीने के काफी शौखिन है और आये दिन ऐप से खाना मंगाते रहते है। तो आपको ये खबर जरूर पढ़नी चाहिए। Zomato और Swiggy जैसे फूड डिलीवरी एप से खीने-पीने की चीजें मंगाना महंगा पड़ेगा। फूड डिलीवरी एप की सेवाओं को GST के दायरे में लाया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक ऐप कंपनियों को रेस्टोरेंट की तरह ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा नहीं मिलेगा। बता दें कि लंबे वक्त से फूड डिलीवरी ऐप की सेवाओं को GST के दायरे में लाने की मांग चल रही थी। जिसे 17 सितंबर की GST परिषद की बैठक में मंजूरी दी गई थी। इस नई व्यवस्था को देशभर में 1 जनवरी 2022 से लागू किया जा रहा है। इससे फूड डिलीवरी एप से खाने-पीने की चीजें मंगाने के लिए आपको ज्यादा पैसे देने होंगे।

शुक्रवार को GST काउंसिल की 45वीं बैठक में फूड डिलीवरी एप (Zomato और Swiggy जैसी कंपनियां) की सेवाओं पर एक जनवरी, 2022 से 5 प्रतिशत GST वसूलने का निर्णय किया गया। कोरोना शुरू होने के बाद से यह आमने-सामने GST काउंसिल की होने वाली पहली बैठक थी। इस तरह की आखिरी बैठक 20 महीने पहले 18 दिसंबर 2019 को हुई थी। उसके बाद से परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो रही थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली GST परिषद की बैठक में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल होते है।

कानूनी तौर पर ऐप पर लगने वाले 5 फीसदी टैक्स का सीधा असर ग्राहक पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार यह टैक्स फूड डिलीवरी करने वाले ऐप्स से वसूलेगी। लेकिन फूड डिलीवरी ऐप 5 फीसदी टैक्स को किसी ना किसी रूप में ग्राहक से ही वसूल करेंगे। ऐसे में 1 जनवरी से ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना महंगा हो सकता है। अभी तक ऐप से फूड आर्डर करने पर रेस्टोरेंट को 5 फीसदी टैक्स देना होता था, जिसे हटाकर ऐप पर लागू कर दिया गया है। यह टैक्स GST के तहत रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड रेस्टोरेंज से खाना आर्डर करने वाले ऐप पर लागू होगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाले ऐप्स उन्हीं रेस्टोरेंट से फूड आर्डर लेंगे, जो GST के तहत पंजीकृत है।

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