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जानिये कब लगने वाली है साल की आखिरी पूर्णिमा


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मुंबई – भारत हमेशा से सभी धर्म को एक मानकर रहा है। पूर्णिमा की तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन का विशेष विधान है। हर साल दिसंबर माह में ही मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पड़ती है।

हिन्दू धर्म में मान्यता है की पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने और उनके सत्यनारायण रूप का पूजन करना चाहिए। ऐसा करने से घर से दुख, दारिद्रय दूर होता है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। मार्गशीर्ष या अगहन माह की पूर्णिमा साल 2021 की आखिरी पूर्णिमा है। इसके साथ ही इस दिन अत्यंत शुभ, साध्य योग का भी निर्माण हो रहा है। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है।

पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त :
मुहूर्त :
मार्गशीर्ष, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ – 07:24 ए एम, दिसम्बर 18
मार्गशीर्ष, शुक्ल पूर्णिमा समाप्त – 10:05 ए एम, दिसम्बर 19
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत डेट- 18 दिसंबर, 2021। पूर्णिमा तिथि 18 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 24 मिनट से शुरू हो जाएगी और 19 दिसंबर सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। पूर्णिमा व्रत में रात्रि में चांद की पूजा का भी विशेष महत्व होता है, जिस वजह से पूर्णिमा व्रत 18 दिसंबर को और पूर्णिमा का स्नान 19 दिसंबर को किया जाएगा।

पूजा विधि :
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते है। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें। नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें। भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते है। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें। इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें। पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन अत्यंत शुभ साध्य योग लग रहा है। माना जाता है कि इस योग में किए गये प्रयास से सफलता जरूर मिलती है। साध्य योग में कोई भी शुभ कार्य करना या नये कार्य की शुरूआत करना हमेशा शुभ माना जाता है। पूर्णिमा की तिथि और साध्य योग का संयोग और भी शुभ माना जाता है। पूर्णिमा के दिन साध्य योग सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक है, उसके बाद शुभ योग प्रारंभ हो जाएगा।

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