जानिये दुनिया में पेट्रोल-डीजल के स्ट्रैटजिक रिजर्व के बारे में
नई दिल्ली – पिछले कई महीनो से लगातार वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढाव की वजह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर दिखा। भारत में पिछले कई महीनो से पेट्रोल-डीजल की कीमत करीबन 100 रूपये प्रति लीटर के आसपास ही रही थी। लेकिन अब आम जनता के लिए बड़ी खुशखबरी है।
आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दामों में कमी आ सकती है। क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है। भारत में कई हिस्सों में कच्चे तेल का स्टॉक रखा जाता है। इसे स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व कहते है। इनका इस्तेमाल आपातस्थिति में तेलों की कीमत को कंट्रोल करने में किया जाता है। केंद्र सरकार ने अपने इंसरजेंसी स्ट्रैटजिक रिजर्व से 5 मिलियन बैरल कच्चा तेल बाजार में बेचने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से ईंधन के दामों में काफी कटौती दिखाई देगी। रिजर्व से रिलीज होने वाले कच्चे तेल को मंगलौर रिफाइनरी और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम को बेचा जाएगा। ये दोनों ही रिफाइनरी स्ट्रैटजिक रिजर्व जुड़ी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक भारत के पास 38 मिलियन बैरल कच्चा तेल का रिजर्व है जो देश के पूरब और पश्चिम कोस्टल एरिया में अंडरग्राउंड स्टोर कर रखा गया है। जिसमें से 5 मिलियन बैरल तेल अगले 7 से 10 दिनों के भीतर बाजार में उतारा जाएगा। देश में सबसे पहले मंगलौर, विशाखापट्टनम और कर्नाटक के पादुर में स्ट्रैटजिक रिजर्व बनाए गए। तीनों ही रिजर्व में करीब 50 लाख मीट्रिक टन कच्चा तेल स्टोर किया जा सकता है। इसके बाद ओडिशा के चंडीखोल और राजस्थान के बीकानेर में स्ट्रैटजिक रिजर्व बनाने को मंजूरी मिली थी। इससे पहले अमेरिका, जापान, चीन समेत कुछ और देशों ने भी कच्चे तेल की बढ़ती कीमत के मद्देनजर अपने रणनीतिक रिजर्व से कच्चा तेल बाजार में बेचने का फैसला किया है।
तेल को स्टोर करने के लिए बड़े स्टोरेज हाउस का नहीं बल्कि चट्टानों का प्रयोग किया जाता है। चट्टानों को तोड़कर गुफा की तरह दिखने वाले स्टोरेज को तैयार किया जाता है, इसमें कच्चे तेल को स्टोर किया जाता है। चीन में समुद्र के पास वाले इलाकों की जमीन के नीचे स्ट्रैटजिक रिजर्व बनाए गए है। अमेरिका के सॉल्ट डोम में कच्चा तेल स्टोर किया जाता है। अमेरिका में ज्यादातर रिजर्व मेक्सिको की खाड़ी के पास है।