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केरल बम ब्लास्ट को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक, 20 सदस्यीय टीम करेगी जांच


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नई दिल्लीः केरल में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में एक के बाद एक हुए कई विस्फोट की घटना के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में समाज में अविश्वास और असहिष्णुता पैदा करने की कोशिशों को रोकने का संकल्प लिया गया।

रविवार को हुए थे तीन धमाके

केरल में कोच्चि के समीप कलमस्सेरी में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में रविवार को सुबह हुए धमाकों में तीन लोगों की मौत हो गई। सम्मेलन केंद्र में ‘यहोवा के साक्षी’ समूह की प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इस ईसाई धार्मिक समूह की स्थापना 19वीं सदी में अमेरिका में की गई थी।

केरल विश्व आकर्षण का केंद्र

केरल के राजनीतिक दलों की ओर से जारी प्रस्ताव में कहा गया है कि भाईचारा और समानता की सामाजिक स्थिति ने केरल को दुनिया के ध्यान आकर्षण का केंद्र बना दिया है। केरलवासियों की अपने जीवन की कीमत पर भी इस माहौल को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहने की परंपरा है। हालांकि, हम जानते हैं कि ऐसे लोग भी हैं जो केरल के इस गौरवपूर्ण सामाजिक स्थिति के प्रति असहिष्णु हैं और इसे खत्म करने के लिए उत्सुक हैं।

धमाकों की टाइमिंग को लेकर भी सवाल

सवाल यहां धमाकों की टाइमिंग को लेकर भी है क्योंकि शुक्रवार को ही केरल में हमास के समर्थन में एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया था. जिसमें हमास के स्पोक्स पर्सन ने लोगों को संबोधित किया था. जांच एजेंसियो को शक है कि कन्वेंशन सेन्टर में इजराइल के समर्थन में पास हुए रेसोलुशन के चलते आतंकी संगठन ने इन सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया.

केरल को तोड़ने के प्रयास के खिलाफ

जारी किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि ये बैठक स्पष्ट करती है कि किसी भी कीमत पर हम यह सुनिश्चित करेंगे कि केरल को तोड़ने के अलग-अलग प्रयासों पर काबू पाकर एक मन से आगे बढ़ें। सभी लोगों से अनुरोध है कि वे किसी भी अलग घटना के आधार पर केरल, इसकी गौरवशाली धर्मनिरपेक्ष परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक विशिष्टता को बदनाम करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ एकजुट हों। राज्य में मतभेदों से परे शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्ष सद्भाव को सभी स्तरों पर मजबूत किया जाएगा।

यह विस्फोट आईईडी के कारण हुआ

राज्य के पुलिस महानिदेशक शेख दरवेश साहब ने रविवार को पुष्टि की थी कि यह विस्फोट आईईडी (विस्फोटक) के कारण हुआ। घटना के कुछ घंटों बाद ‘यहोवा के साक्षी’ संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करते हुए एक व्यक्ति ने त्रिशूर जिले की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर इन धमाकों की जिम्मेदारी ली थी।

केरल के सीएम ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

उधर, केरल के मुख्यमंत्री ने कोच्चि में धमाके के बाद आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक सुबह 10 बजे सचिवालय परिसर में मुख्यमंत्री के सम्मेलन भवन में होगी. इससे पहले, राज्य के पुलिस महानिदेशक दरवेश साहेब ने पुष्टि की थी कि धमाका ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस (आईईडी)’ से किया गया है.खुद को ईसाइयों के ‘यहोवा के साक्षी’ समूह का सदस्य बताने वाले एक व्यक्ति ने केरल के त्रिशूर जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और रविवार सुबह यहां कलामासेरी में ईसाई धार्मिक सभा में हुए कई विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है.

एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था एम आर अजित कुमार ने बताया कि उस व्यक्ति ने कोडकारा थाने में सुबह में आत्मसमर्पण किया और दावा किया कि उसने ही विस्फोट को अंजाम दिया. एडीजीपी ने कहा, ‘उस व्यक्ति का नाम डोमिनिक मार्टिन है. उसने अपने दावे के समर्थन में सबूत भी दिए. हम फिलहाल इसकी जांच कर रहे हैं.’

ब्लास्ट पर शक गहराया


जांच एजेंसियों को शक कि कन्वेंशन सेन्टर में इजराइल के समर्थन में पास हुए रेजोल्यूशन के चलते आतंकी संगठन ने इन सीरियल ब्लास्ट को अंजाम दिया। हालांकि ब्लास्ट में इस्तेमाल विस्फोटक के नमूनों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। बता दें कि केरल में PFI का पूरा गढ़ मौजूद है, जो अपने संगठन पर बैन लगने के बाद से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था, जांच एजेंसियां इसी एंगल से PFI कनेक्शन की भी तफ्तीश में जुटी हुईं हैं।

एनडीए ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा


वहीं, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए ने राज्य में वामपंथी सरकार के कथित कुशासन के विरोध में सोमवार को केरल सचिवालय के चार में से तीन गेटों का घेराव किया। सुबह करीब छह बजे से ही सचिवालय के तीन गेटों के बाहर सैकड़ों भाजपा समर्थक जमा हो गए।

आरोपी ने ब्लास्ट से पहले फेसबुक लाइव किया था

केरल पुलिस ने मार्टिन द्वारा बम लगाने की पुष्टि की है। पुलिस को उसके फोन से IED ब्लास्ट करने के लिए इस्तेमाल किए गए रिमोट कंट्रोल के विजुअल मिले हैं। पुलिस ने बताया कि डोमिनिक ने सरेंडर करने से पहले फेसबुक लाइव किया था। उसमें उसने ब्लास्ट की बात कबूली है।डोमिनिक ने ऐसा करने की वजह भी बताई है। उसने फेसबुक पर लाइव आकर कहा है कि वो भी ईसाई धर्म के यहोवा के साक्षी समूह से संबंधित है, लेकिन उसको उनकी विचारधारा पसंद नहीं है। उन्हें वो देश के लिए खतरा मानता है, क्योंकि वे लोग देश के युवाओं के दिमाग में जहर घोल रहे हैं। इसलिए उसने उनकी प्रार्थना सभा के दौरान बम ब्लास्ट किया।

कन्वेंशन हॉल में प्रेयर खत्म होते ही हुए तीन धमाके

यहोवा विटनेसेस संस्थान के स्थानीय प्रवक्ता टीए श्रीकुमार ने कहा कि कन्वेंशन हॉल में 9:45 बजे प्रेयर खत्म होने के बाद पहला धमाका हॉल के बीचों-बीच हुआ। कुछ सेकेंड बाद हॉल के दोनों तरफ दो और धमाके हुए। एर्नाकुलम में जहां ब्लास्ट हुआ, उसके आसपास बड़ी संख्या में यहूदी समुदाय के लोग रहते हैं।केरल के DGP शेक दरवेश साहेब ने बताया कि शुरुआती जांच के मुताबिक, IED टिफिन बॉक्स में प्लांट कर कन्वेंशन सेंटर के अंदर रखा गया था। जांच के लिए 8 स्पेशल टीम बनाई गई हैं। पूरी जांच के बाद और जानकारी सामने आएगी।

यहोवा विटनेसेस कौन हैं?

यहोवा विटनेसेस क्रिश्चियंस का एक अल्पसंख्यक समुदाय है। इसकी स्थापना पिट्सबर्ग (अमेरिका) में 1872 में हुई थी। यहोवा विटनेसेस को मानने वाले होली ट्रिनिटी पर विश्वास नहीं करते।ये लोग जीसस को ईश्वर का बेटा मानते हैं, न कि खुद ईश्वर। ये लोग जीसस की शिक्षाओं और उनके उदाहरणों को ही आदर्श मानते हैं। इसलिए ये खुद को क्रिश्चियन मानते हैं। इस समुदाय में कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं है और ये दुनियाभर में फैले हुए हैं।

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