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SEBI के फैसले के बाद ‘ये’ लोग नहीं कर पाएंगे म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग


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नई दिल्ली – हालही में बाजार नियामक SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने asset management companies (AMCs) और mutual funds के कर्मचारियों, ट्रस्टी और बोर्ड मेंबर के लिए ट्रेडिंग के नए गाइडलाइन जारी किए है। गुरुवार को SEBI ने एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया।

SEBI द्वारा जारी किये गए सर्कुलर के मुताबिक अब म्यूचुअल फंड कंपनी के कर्मचारी, ट्रस्टी और बोर्ड के सदस्य ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे। साथ ही यह प्रतिबंध उन लोगों पर भी लागू होगा, जिनके पास कंपनी की कोई जानकारी है और उससे कंपनी की नेट वैल्यू असेट और यूनिट धारकों के हित प्रभावित कर सकती है। गाइडलाइंस में शेयरों, डिबेंचर, बॉन्ड, वारंट, डेरिवेटिव और म्यूचुअल फंड/एएमसी द्वारा शुरू की गई योजनाओं की इकाइयों जैसी किसी भी प्रतिभूतियों की खरीद या बिक्री के लिए लेनदेन शामिल है।

बाजार नियामक सेबी ने इसके लिए एक कैटेगरी भी बनाई है। इस कैटेगरी में एक्सेस पर्सन का जिक्र किया है, जिनके म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग करने पर मनाही रहेगी। एक्सेस पर्सन में असेट मैनेजमेंट कंपनी के मुखिया, एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर, चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर, चीफ रिस्क ऑफिसर और अन्य सी-सूट एक्जिक्यूटिव, फंड मैनेजर, डीलर्स, रिसर्च एनालिस्ट, ऑपरेशंस डिपार्टमेंट के कर्माचारी, कंप्लायंस ऑफिसर और विभागों के मुखिया को शामिल किया गया है।

SEBI के अनुसार नॉन एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर, कंपनी के ट्रस्टी या ऐसे कोई ट्रस्टी जिनके बाद नॉन पब्लिक इंफोर्मेशन की जानकारी है और वे हितों को प्रभावित कर सकते है। ऐसे लोगों को भी एक्सेस पर्सन की लिस्ट में रखा गया है। वे भी म्यूचुअल फंड में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे। बता दे की सेबी ने 2016 में कर्मचारियों को उनके व्यक्तिगत लेनदेन की तारीख से 30 दिनों के भीतर किसी भी सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री से लाभ कमाने से रोक दिया था। नए सर्कुलेशन में एक्सेस पर्सन को कुछ छूट भी दी गई है। ये छूट अब एक कंप्लायंस ऑफिसर द्वारा एक वित्तीय वर्ष में दो बार किसी एक्सेस पर्सन को दी जा सकती है। इस दौरान वे केवल सिक्योरिटी की बिक्री कर सकते है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में भारत में प्रतिभूतियों और कमोडिटी बाजार के लिए नियामक निकाय है। यह 12 अप्रैल 1992 को स्थापित किया गया था। SEBI को पहली बार 1988 में प्रतिभूति बाजार को विनियमित करने के लिए एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। यह 30 जनवरी 1992 को एक स्वायत्त निकाय बन गया और भारतीय संसद द्वारा सेबी अधिनियम 1992 के पारित होने के साथ इसे वैधानिक शक्तियां प्रदान की गईं। सेबी का मुख्यालय मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के व्यावसायिक जिले में है और इसके क्रमशः नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय है।

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