मुंबई – मुंबई क्रूज ड्रग पार्टी केस में आरोपी आर्यन खान की जमानत याचिका (Aryan Khan Bail Plea) पर मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) में आज दोपहर फिर सुनवाई शुरू हुई. करीब साढ़े तीन बजे कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई. आर्यन की जमानत को लेकर मंगलवार को बहस पूरी हो चुकी है. अरबाज मर्चेंट के वकील अमित देसाई आज अपने क्लाइंट का पक्ष रख रहे हैं.
स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद आर्यन खान ने हाई कोर्ट में बेल की गुहार लगाई थी. मजिस्ट्रेट कोर्ट और सेशंस कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद आर्यन खान का पक्ष रखने के लिए भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी सामने आए है. उन्होंने कल हाईकोर्ट में आर्यन का पक्ष रखा. उन्होंने आर्यन खान की गिरफ्तारी को अवैध बताया और इस कार्रवाई पर एनसीबी को कठघरे में खड़ा किया.
अमित देसाई ने कहा –
आप आर्यन खान का अरेस्ट मेमो देखिए. एनसीबी के पास गिरफ्तारी के लिए ठोस सबूत नहीं है. गिरफ्तारी उस अपराध के लिए हुई है जो हुई ही नहीं है. अरबाज से सिर्फ 6 ग्राम चरस मिला था. एनसीबी जिस साजिश की बात कर रही है, उसे साबित करने के लिए एनसीबी ने व्हाट्सऐप चैट कोर्ट के सामने पेश किया हैं. इन चैट्स का गिरफ्तारी से कोई लेना-देना नहीं है. 65 B के तहत कोर्ट में एनसीबी के ये सबूत मान्य नहीं है. फोन सीज नहीं किया लेकिन रिमांड कॉपी में उसका जिक्र किया गया है.
मुकुल रोहतगी ने ये कहा –
अमित देसाई की दलीलों के बीच आर्यन के वकील मुकुल रोहतगी ने भी जमानत पर जोर देते हुए पक्ष रखा. उन्होंने कहा- ‘अरेस्ट मेमो गिरफ्तारी के सही आधार नहीं देता है. आर्टिकल 22, CRPC के सेक्शन 50 से ज्यादा महत्वपूर्ण है. इसके तहत किसी भी शख्स को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता जब तक कि उसे उसकी गिरफ्तारी की वजह की जानकारी ना हो. और उस शख्स को अपने अनुसार वकील से सलाह लेने का अधिकार है. उनके पास फोन है पर उन्होंने रिमांड के समय की थी हमें ये नहीं बताया था. हमारे पास व्हाट्सएप चैट का एक्सेस नहीं है. उनके पास चैट्स हैं, उसका पोजेशन है और वे हमें ये बताए बिना कि क्या रिकवर किया है, हमें गुमराह कर रहे हैं.’