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बोर्ड परीक्षा में 99.70% मार्क्स लाकर टॉप करने वाली 16 साल की बेटी की ब्रेन हेमरेज से मौत


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नई दिल्ली – गुजरात के मोरबी की एक 16 वर्षीय लड़की, जो बोर्ड परीक्षा में टॉपर्स में से एक थी लेकिन बुधवार को इस होनहार बेटी की ब्रेन हैमरेज से मृत्यु हो गई। गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (जीएसईबी) के नतीजे 11 मई को घोषित किए गए। लड़की हीर घेटिया ने 10वीं कक्षा की परीक्षा में 99.70 प्रतिशत अंक हासिल किए। उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था और एक महीने पहले राजकोट के एक निजी अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई और वह घर चली गईं, लेकिन करीब एक हफ्ते पहले उन्हें फिर से सांस लेने और दिल की समस्या होने लगी। उन्हें अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया था और एमआरआई रिपोर्ट से पता चला कि उनके मस्तिष्क के लगभग 80 से 90 प्रतिशत हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था।

राजकोट में प्राइवेट अस्पताल में हीर का ऑपरेशन

पहले मोरबी की रहने वाली हीर को ब्रेन हेमरेज हुआ था,और राजकोट में प्राइवेट अस्पताल में हीर का ऑपरेशन किया गया, ऑपरेशन के बाद हीर को डिस्चार्ज कराके घर ले जाया गया. लेकिन, फिर से हीर को सांस लेने में और हार्ट में तकलीफ शुरू होने से राजकोट की ट्रस्ट संचालित बी टी सावनी अस्पताल में ICU में दाखिल किया गया,जिसमें ब्रेन के MRI रिपोर्ट से मालूम पड़ा कि हीर का ब्रेन 80 से 90 प्रतिशत काम करना बंद हो गया है।इस दुखद घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और जो भी इस घटना के बारे में जान रहा है, वो भी अपने आपको भावुक होने से नही रोक पा रहे हैं। कोई भी यकीन नहीं कर पा रहा है कि इस होनहार छात्रा को इस तरह दुनिया से जाना पड़ेगा।

परिवार ने पेश की मिसाल

10वीं बोर्ड की परीक्षा में 99.7 फीसदी अंक लाने वाले बेटी की मौत पर परिवार ने कठिन निर्णय लिया। बेटी का भले ही डॉक्टर बनने का सपना पूरा नहीं हुआ लेकिन परिवार ने उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करके मिसाल पेश की है। परिवार को खुशी है हीर की आंखें जिस किसी को मिलेंगी। वे इस तौर इस दुनिया में जीवित रहेगी। बी टी सवानी हॉस्पिटल में जब हीर की शरीर को अंगदान के ले जाया गया तो पूरे स्टॉफ ने नम आंखों के साथ इस टॉपर स्टूडेंट को विदाई दी। परिवार के फैसले पर हर किसी को गर्व हो रहा है। हीर के न रहने से जहां उसके दोस्त स्तब्ध है तो वहीं उसके शिक्षकों को खुशी है कि हीर के परिवार ने हौसला दिखाते हुए उदाहरण पेश किया है। अस्पताल में हीर के परिवार के समाने कोई भी आंसू नहीं रोक पाया।

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