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फिर दिखाया चीन ने अपना रुख: LAC गतिरोध पर चीन के साथ भारत की चर्चा रही बेनतीजा


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नई दिल्ली – पूर्वी लद्दाख से सटी‌‌ एलएसी पर तनाव खत्म करने के लिए 13वें दौर की मीटिंग भारत के लद्दाख कोर कमांडर और चाइनीज साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट कमांडर के बीच रविवार को मोल्दो-चुशूल सीमा मीटिंग प्वाइंट के चीनी साइड पर बैठक हुयी थी। लेकिन इस मीटिंग की चर्चा फिर से एक बार बेनतीजा रही है।

आपको बता दे की पूर्वी लद्दाख में 17 महीने से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए रविवार को भारत और चीन ने 13वें दौर की सैन्य वार्ता की। लेकिन अब चीन (China) ने इस वार्ता के बाद अपने एक बयान में चीन ने भारत पर अनुचित और अवास्तविक मांगों का आरोप लगाया। भारतीय सेना ने मीटिंग के करीब 12 घंटे बाद बयान जारी कर चीनी सेना को एलएसी के हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया। रविवार को पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तनाव खत्म करने के लिए भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 13वें दौर की बैठक साढ़े आठ घंटे चली थी। लेकिन बैठक के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बयानों के बाद आने वाले समय में भारत और चीन के बीच एलएसी पर गतिरोध बढ़ ‌सकता है।

चीन के वेस्टर्न थिएटर कमांड (WTC) द्वारा जारी और कई सरकारी मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित एक संक्षिप्त बयान में वार्ता को लेकर बहुत कम जानकारी दी गई है। लेकिन एक महत्वपूर्ण नोट जरूर प्रदान किया गया है। लेकिन भारत ने बार-बार और लगातार चीन के उन आरोपों को खारिज किया है कि भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीनी हिस्से को पार किया था। जिसके बाद भारतीय सेना ने भी आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि मीटिंग के दौरान एलएसी के ‘बाकी इलाकों’ में तनाव खत्म करने को लेकर चर्चा हुई। बैठक में भारत ने साफ तौर से कहा कि एलएसी के ऐसे हालात चीन की तरफ से ‘एक-तरफा कारवाई’ (घुसपैठ) से पैदा हुए है, जो दोनों देशों के बीच हुए करार का उल्लंघन है‌। इसलिए चीन को ऐसे कदम उठाने चाहिए (पीछे हटने के लिए) ताकि एलएसी पर शांति बहाल की जा सके। लेकिन चीनी प्रतिनिधिंडल को ‌ये प्रस्ताव मंजूर नहीं हुआ। इसलिए मीटिंग ‘बेनतीजा’ रही‌।

भारत ने मीटिंग के दौरान पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के हॉट-स्प्रिंग, डेमचोक और डेपसांग प्लेन जैसे ‘बाकी इलाकों’ में तनाव खत्म करने की पेशकश की थी। लेकिन चीन ने भारत की इन मांगों को मानने से इंकार कर दिया। चीन की पीएलए सेना की वेस्टर्न थियएटर कमान के प्रवक्ता ने मीटिंग के बाद बयान जारी कर कहा कि भारत ने ‘अनुचित और अवास्तविक’ मांगों पर अड़ा है, जिससे वार्ता में ‘कठिनाइयां’ जुड़ गई है। वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता, कर्नल लॉन्ग शहुआ ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि भारत को एलएसी की स्थिति का ‘गलत आंकलन करने के बजाए’ अब तक जो बातचीत हुई है और सहमति बनी है उसको ‘संजोकर’ रखना चाहिए।

अपने बयान में भारतीय सेना ने ये उम्मीद जरूर जताई कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए चीन बाकी मुद्दों को जल्द सुलझाने की दिशा में जरूरी कदम उठाएगा। साथ ही कहा कि दोनों देश आपसी बातचीत और एलएसी पर ‘स्थिरता’ बनाए रखने के लिए तैयार हो गए है। चीनी बयान का लहजा दोनों देशों के बीच चल रहे गतिरोध पर मौजूद मतभेदों का संकेत है, जिसकी वजह से दशकों बाद द्विपक्षीय संबंध सबसे खराब स्थिति में पहुंच चुके है। अगस्त में, भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख के गोगरा क्षेत्र से पीछे हट गए थे। इसे 2021 में डिसइंगेजमेंट के दूसरे दौर के तौर पर देखा गया था। इससे छह महीने पहले भारत और चीन ने हिमालय की बर्फीली झील पैंगोंग त्सो से सैनिकों को पीछे हटाया था।

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