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काबुल ने काम-काजी महिलाओं व छात्राओं को घर से न निकलने का फरमान जारी किया


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काबुल – अफगानिस्तान पर कब्जा किए हुए तालिबान को एक महीने से ज्यादा हो गया है.. वह अभी अंतरिम सरकार के जरिए शासन चला रहा है, ऐसे में रोजाना महिलाओं की आजादी को लेकर नये-नये फरमान जारी किय़े जा रहे हैं,हाल ही में सभी काम-काजी महिलाओं व छात्राओं को घर से न निकलने का फरमान जारी किया गया है। जिसके बाद महिलाओं का जीवन संकट में आ गया है..खासकर वे महिलाएं जो रेस्तरां आदि में काम करके अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही थी।

हाल के दिनों में नई तालिबान सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों पर अंकुश लगाने वाले कई फरमान जारी किए हैं,उसने मिडिल और हाई स्कूल की छात्राओं से कहा कि वे फिलहाल स्कूल नहीं आएं, जबकि लड़कों के लिए इस हफ्ते के अंत से स्कूल खोल दिए गए हैं।विश्वविद्यालय की छात्राओं को सूचित किया गया है कि लड़के और लड़कियों की कक्षाएं की अलग-अलग होंगी और उन्हें सख्त इस्लामी पोशाक संहिता का पालन करना होगा, अमेरिका के समर्थन वाली पिछली सरकार में अधिकतर स्थानों पर विश्वविद्यालयों में सह शिक्षा थी, तालिबान ने पिछले महीने इस सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके अलावा जिन व्यापारिक संसाधनों से महिला जुड़ी थी..उन्हे भी बंद कर दिया गया है। साथ ही महिलाओं को घर से न निकलने की हिदायत दी गई है, निकी तबोस्सोम आगे बताती हैं कि तालिबान के काबुल आने के बाद मेरे साथ लाखों महिलाओं ने अपनी नौकरी खो दी है। अब अफगानिस्तान में महिलाएं अपने परिवार का पेट पालने के लिए काम करने और पैसा कमाने के तरीके तलाश रही हैं।

काबुल वर्कर्स यूनियन के प्रमुख नूर-उल-हक ओमारी ने कहा कि दुर्भाग्य से महिलाओं के नेतृत्व में निवेश रुक गया है,उन्होंने अपनी नौकरी और धन खो दिया है। कुछ मामलों में तो महिलाओं ने अपनी कंपनी की महंगी चीजें बेहद कम दाम पर बेच दी हैं। पिछले कुछ वर्षों में दर्जनों अफगान व्यवसायियों ने देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करना शुरू कर दिया था, जिसे तालिबानी सरकार आते ही बंद कर दिया गया है, जिसके चलते अफगानिस्तान में महिलाओं हालत बहुत ही दयनीय है।

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