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Goodle का आज का Doodle जापानी साइंटिस्ट मिशियो सुजिमुरा


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नई दिल्ली –
मिचियो सुजीमुरा
आजकल ग्रीन टी कई लोग पीने लगे हैं। इसे हेल्थ के परिपेक्ष्य को देखते हुए ज्यादा पिया जाता है। लेकिन क्या आप जाते हैं कि आखिर ग्रीन टी पर सबसे पहले रिसर्च किसने की थी। बता दें कि जापानी रसायनज्ञ मिचियो सुजिमुरा ने ग्रीन टी पर गहन शोध किया था। आज उनकी 133वीं जयंती है और इस अवसर पर शुक्रवार को Google डूडल से सम्मानित किया गया। मिचियो सुजिमुरा के 133वें जन्मदिन का जश्न मनाते हुए Google डूडल में उन्हें ग्रीन टी के रासायनिक घटकों का अध्ययन करते हुए और उन्हें निकालते हुए दिखाया है।

मिचियो सुजीमुरा (Michiyo Tsujimura) का जन्म 17 सितम्बर, 1888 को जापान के साईतामा में हुआ था। उन्होंने 1913 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की, उसके बाद उन्होंने कुछ समय तक स्कूल में पढ़ाने के काम किया। बाद में 1920 में होकाईडो इम्पीरियल यूनिवर्सिटी में बतौर लेबोरेटरी असिस्टेंट शामिल हुईं।बाद में एक अन्य लैब में काम करते हुए उन्होंने और उनके सहकर्मी ने अपनी खोज में पाया कि ग्रीन टी विटामिन सी का एक अच्छा स्त्रोत है, इस खोज के बाद अमेरिका को बड़ी मात्रा में ग्रीन टी का निर्यात किया गया।

1932 में सुजीमुरा ने “On the Chemical Components of Green Tea” नामक शोधपत्र प्रकाशित किया, इसके बाद वे कृषि क्षेत्र में जापान की पहली महिला डॉक्टर बनीं। वर्ष 1956 में उन्हें उनके शोध कार्य के लिए “Japan Prize of Agricultural Science” से सम्मानित किया गया। वर्ष 1968 में उन्हें “Order of the Precious Crown of the Fourth Class” से सम्मानित किया गया। मिचियो सुजिमुरा का 1 जून 1969 को 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आज ओकेगावा में एक पत्थर का स्मारक है जो उनकी महान उपलब्धियों का जश्न मनाता है।

जैसा कि मिचियो सुजिमुरा ने ग्रीन टी की खोज की तो वह कैटेचिन (चाय का एक कड़वा कंपोनेंट) और टैनिन समेत इसकी अधिक रासायनिक संरचना को अलग करने में सक्षम थी। 1932 में, त्सुजिमुरा ने अपनी डॉक्टरेट थीसिस – “ग्रीन टी के रासायनिक घटकों पर” प्रकाशित की। इससे वह जापान की कृषि की पहली महिला डॉक्टर बन गईं। उन्होंने 1935 में पौधों से क्रिस्टलीकृत विटामिन सी निकालने की एक विधि का पेटेंट कराया।

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