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लड़कियों के लिए भी जरूरी है मास्टरबेशन, जानें उनसे जुड़ी कुछ रहस्यमय बातें


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नई दिल्ली – मास्टरबेशन यह एक ऐसी चीज है, जिसे हमारे समाज में खुले तौर पर स्वीकार नहीं किया जाता। नैतिक रूप से लोग इसे गलत मानते हैं और समझते हैं कि इसका शरीर पर बुरा असर पड़ता है। हालांकि मास्टरबेशन यानी हस्तमैथुन कोई नई बात नहीं है, बल्कि 18वीं सदी में इसके बारे में पहली बार सुना गया था। इंडियाना यूनिवर्सिटी के नैशनल सर्वे ऑफ सेक्शुअल हेल्थ ऐंड बिहेवियर में सामने आया कि 25 वर्ष से 29 वर्ष के बीच की सिर्फ 7.9 फीसदी महिलाएं हफ्ते में दो से तीन बार मास्टरबेशन करती हैं, जबकि 23.4 फीसदी पुरुष हफ्ते में दो से तीन बार मास्टरबेशन करते हैं।

यह स्टडी 2014 में की गई थी। Sex Rx: Hormones Health And Your Best Sex Ever की लेखिका और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी स्थित अब्स्टेट्रिक ऐंड गाइनकॉलजी में असोसिएट प्रफेसर, डॉ. लॉरेन स्ट्रीचर ने साल 2016 में एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में मास्टरबेशन यानी हस्तमैथुन के फायदे बताए थे और कहा था कि हर महिला को मास्टरबेशन करना चाहिए।

– पुरुषों की तरह महिलायें भी यौन आनन्द के लिए हस्‍तमैथुन का सहारा लेती हैं, हालांकि इससे वे आर्गेज्‍म तक नहीं पहुंच पाती हैं लेकिन उन्‍हें हस्‍तमैथुन से बहुत हद तक संतुष्टि मिल जाती है।

– कुछ महिलाओं में यह आदत किशोरावस्‍था से शुरू होती है और कुछ तो शादी के बाद अपने पार्टनर के साथ रहते हुए भी हस्‍तमैथुन करती हैं। महिलाओं के हस्‍तमैथुन से जुड़े कुछ रहस्‍य भी हैं उन्‍हें भी जानना जरूरी है।

– महिलायें हस्‍तमैथुन करते वक्‍त इसका पूरा लुत्‍फ उठाती हैं। कई बार महिलाओं को हस्‍तमैथुन करते वक्‍त पूरा आनंद आता है, और उन्‍हें पुरुष की कमी बिलकुल भी महसूस नहीं होती है। क्‍योंकि वे इस दौरान केवल अपने आनंद के बारे में सोचती हैं और जब तक उन्‍हें आनंद नहीं मिलता तब तक वे करती रहती हैं। कुछ 2-3 मिनट में संतुष्‍ट हो जाती हैं और कुछ इसके लिए 15-20 मिनट का समय लेती हैं।

– पुरुषों की तुलना में महिलायें कम हस्‍तमैथुन करती हैं। एक शोध के अनुसार, लगभग 25 प्रतिशत पुरुष सप्‍ताह में 3 बार हस्‍तमैथुन करते हैं, और 55 प्रतिशत कम से कम महीने में एक बार। जबकि इस शोध में यह बात भी सामने आयी कि केवल 10 प्रतिशत महिलायें ही सप्‍ताह में 3 बार हस्‍तमैथुन करती हैं, और 38 प्रतिशत महीने में एक बार करती हैं। यानी पुरुषों की तुलना में महिलायें हस्‍तमैथुन कम ही करती हैं।

– महिलायें हस्‍तमैथुन अलग तरह से करती हैं। जबकि पुरुष जब चाहें बॉथरूम में, सार्वजनिक शौचालय में या अन्‍य जगहों पर आसानी से करते हैं। जबकि महिलायें इसके लिए खास तरह की तैयारी करती हैं। ज्‍यादातर महिलायें नहाते वक्‍त हस्‍तमैथुन करती हैं और इससे उन्‍हें आनंद मिलता है।

– पुरुष जब भी हस्‍तमैथुन करते हैं, बड़ी कठोरता से करते हैं और इससे उनके गुप्‍तांगों की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण दर्द भी हो सकता है। जबकि महिलायें आराम से और कोमलता से अपने आप को आनंद देती हैं। अगर उन्‍होंने अपनी उंगलियों के अलावा किसी अन्‍य वस्‍तु का प्रयोग इसके लिए किया तो कोशिश यही रहती है उसका स्‍पर्श आनंदित करने वाला हो।

– महिला जब भी हस्‍तमैथुन करती है, इसमें वह अपने सारे अंगों को शामिल करती है। जबकि पुरुष ऐसा नहीं कर पाते। महिला इस दौरान अपने जांघों, अपने पेट के साथ-साथ स्‍तनों का मसाज भी करती है। इसलिए यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद होता है।

– पुरुष जब भी हस्‍तमैथुन करते हैं उनका पूरा ध्‍यान आर्गेज्‍म पर होता है और इसके बाद ही उन्‍हें शुकून मिलता है। जबकि महिलायें हस्‍तमैथुन के वक्‍त ऐसा ध्‍यान बिलकुल भी नहीं रखती हैं, कभी-कभी वे इसके लिए 2-3 मिनट का समय लगाती हैं और इससे ही उन्‍हें आनंद मिलता है। जबकि इतने कम वक्‍त में आर्गेज्‍म नहीं मिल सकता है।

– हस्‍तमैथुन के बाद महिलाओं को आराम मिलता है। क्‍योंकि इससे उनके पूरे शरीर का मसाज तो होता ही है, साथ ही यह यौन सुख भी प्रदान करता है। इसके लिए उन्‍हें पुरुष की जरूरत नहीं पड़ती और वे खुद से ही अपने आप को रोमांचित कर देती हैं।

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