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कश्मीर पर पाक की नापाक इरादे, ISI के जरिए मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में


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कराची – पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने तालिबान के जरिए अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। हालांकि मामला यही खत्म नहीं हुआ है। पाकिस्तान आईएसआई अब जम्मू-कश्मीर पर अपनी नजरें गड़ाए हुए है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब खुफिया एजेंसी ISI पिछले दो महीनों से अपने संरक्षक आतंकवादी संगठनों- लश्कर, जेईएम और अल-बद्र को केंद्र शासित प्रदेश में धकेल रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अभी लगभग 200 आतंकवादी एक्टिव हैं, जिनमें विदेशी आतंकवादियों की हिस्सेदारी उतनी ही है, जितनी कि स्थानीय आतंकवादियों की है। हालांकि आईएसआई के किसी भी नापाक मंसूबों को बेअसर करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा ग्रिड को और मजबूत कर दिया है। और तो और पाकिस्तान सीमा पर निगरानी और मैनपॉवर को भी बढ़ा दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस आक्रामक रूप से उन ओवरग्राउंड वर्कर्स को ट्रैक करने की कोशिश में जुटी है, जो विदेशी आतंकवादियों को पनाह दे सकते हैं और उनके मिशन को और भी ज्यादा आसान बना सकते हैं। पुलिस लगातार ये सुनिश्चित करने के प्रयास में जुटी हुई है कि घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को कश्मीर के गांवों में कोई ठिकाना न मिलें या वो यहां पनाह न ले पाएं। क्योंकि यह भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा साबित हो सकता है। अगर आईएसआई इन आतंकी संगठनों को अपने मंसूबों को अंजाम देने का निर्देश देता है, तो फिर यह तय है कि आतंकवादी खतरनाक हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

सूत्रों ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक करीब 500 ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो आतंकवादियों की मदद कर रहे थे। वहीं, पिछले तीन हफ्तों से बड़ी संख्या में कश्मीरी “तालिबान आ रहे हैं” की बात से परेशान हैं।

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