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चीन में लगातार दूसरे साल जनसंख्या में दर्ज की गई भारी गिरावट,अब इस बात से टेंशन में आया ड्रैगन


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नई दिल्लीः एक तरफ जहां दुनिया के कई देश बढ़ती हुई आबादी को लेकर परेशान हैं, तो दूसरी तरफ चीन को देश की घटती आबादी ने टेंशन दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों को हटाए जाने के बाद मृत्यु दर बढ़ने और जन्म दर कम होने के कारण 2023 में जनसंख्या 20 लाख कम हो गई। चीन में आबादी लगातार दूसरे साल कम हुई है और इस बात ने देश के नीति निर्माताओं को चिंता में डाल दिया है। सांख्यिकी ब्यूरो ने बताया कि देश की कुल जनसंख्या 1.4 अरब है।

चीन में लगातार दूसरे साल जनसंख्या में दर्ज की गई भारी गिरावट

चीन की जनसंख्या में साल 2023 के दौरान भारी गिरावट देखने को मिली है. पिछले दो सालों से लगातार जनसंख्या घट रही है. जनसंख्या में गिरावट की मुख्य वजह कोविड 19 से हुई मौतें और बर्थ रेट में आई कमी बताई जा रही है. आने वाले समय में इसका असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है कि जन्म दर में गिरावट चीन के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है.वर्तमान में चीन की जनसंख्या 140 करोड़ है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो का कहना है कि पिछले साल से लेकर मौजूदा समय तक चीन की जनसंख्या में 20 लाख 80 हजार की कमी आई है. दुनिया में चीन सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में दूसरे स्थान पर है, जबकि भारत पहले नंबर पर है.

चीन में कोविड 19 बनी मौत की वजह

चीन में कोविड 19 की वजह से पिछले दो सालों से लगातार मौत हो रही हैं. इसके अलावा जन्म दर में भी कमी देखने को मिली है. जनसंख्या में कमी होने का सबसे बड़ा कारण यही दो वजह माना जा रहा है. चीन में साल 2022 में 8.5 लाख लोगों की मौत हो गई. जन्मदर में पिछले साल के मुकाबले 1000 लोगों पर 6.39 फीसदी की गिरावट देखी गई है. चीन के कम्युनिस्ट शासन की स्थापना के बाद इतनी गिरावट पहली बार दर्ज की गई है.

चीन के लिए चुनौती है जन्मदर में गिरावट

बता दें कि जनसांख्यिकी विशेषज्ञों ने कोविड-19 के प्रकोप के कारण मृतक संख्या में तेज बढ़ोतरी होने की आशंका जताई थी। जन्म दर में गिरावट चीन के लिए लंबे समय से आर्थिक और सामाजिक चुनौती बनी हुई है। चीन की औसत आबादी लगातार बूढ़ी होती जा रही है, जिसके कारण काम करने वाले लोगों की संख्या में कमी आ सकती है और समय के साथ आर्थिक विकास धीमा हो सकता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में बुजुर्ग आबादी को सेवाएं प्रदान करने की देश की क्षमता के लिए चुनौती पैदा हो सकती है।

चीन में बढ़ी बूढ़ों की जनसंख्या

देश में काम करने वाले लोगों की उम्र 16 से 59 साल के बीच है, जिसमें साल 2022 में 10.75 मिलियन की गिरावट आई है. वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या में बढोतरी हुई है. साल 2022 में 60 वर्ष से अधिक लोगों की संख्या 16.93 मिलियन बढ़ गई है. विकास के क्षेत्र की अगर बात करें तो पिछले तीन दशकों में चीन का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है.

पिछले सालों की तुलना में कम है गिरावट

जन्म दर में लगातार 7वें साल गिरावट आई है लेकिन पिछले सालों की तुलना में यह गिरावट इस बार कम है। पिछले साल चीन में लगभग 90 लाख बच्चों का जन्म हुआ। चीन ने ‘केवल एक संतान’ की पॉलिसी अपनाकर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की कोशिश की थी, लेकिन अब उसे इसके विपरीत एक अलग समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने 2016 में अपनी इस नीति को आधिकारिक तौर पर खत्म करने के बाद से जन्म को प्रोत्साहित करने की कोशिश की है लेकिन उसे कोई खास सफलता नहीं मिली है।

इन वजहों से चीन में नहीं बढ़ रही आबादी

चीन में लोग देर से शादी कर रहे हैं और कई लोग संतान पैदा नहीं करने का विकल्प भी चुन रहे हैं। इसके अलावा पढ़ाई और पालन-पोषण के अत्यधिक खर्च के कारण अधिकतर लोग केवल एक ही संतान की नीति का पालन कर रहे हैं। यही वजह है कि जो चीन कभी जनसंख्या के मामले में दुनिया में पहले नंबर पर था, और जिसने इसको रोकने के लिए काफी कड़े उपाय लागू किए थे, आज वह अपने नागरिकों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।चीन, जो कभी अपनी एक-बाल नीति के साथ जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की कोशिश करता था, अब विपरीत समस्या का सामना कर रहा है। सरकार ने 2016 में अपनी एक-बाल नीति को आधिकारिक तौर पर समाप्त करने के बाद से जन्म को प्रोत्साहित करने की कोशिश की है लेकिन बहुत कम सफलता मिली है।लोग देर से शादी कर रहे हैं और कभी-कभी बच्चे पैदा न करने का विकल्प भी चुनते हैं, जिनके पास केवल एक ही बच्चा होता है। क्योंकि अत्यधिक प्रतिस्पर्धी शैक्षणिक माहौल में बच्चों को शिक्षित करने की उच्च लागत होती है।

चीन में सातवें वर्ष जन्मों की संख्या में गिरावट आई

मौतों की संख्या दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 690,000 हो गई। जनसांख्यिकी विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे थे कि पिछले साल के अंत में शुरू हुई और पिछले साल फरवरी तक जारी रहने वाली कोविड-19 के प्रकोप के कारण मौतों में तेज वृद्धि होगी। सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि कुल जनसंख्या 1.4 अरब थी।चीन में सातवें वर्ष जन्मों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि पिछले साल की तुलना में जन्मों की संख्या में कम गिरावट देखी गई है। पिछले साल लगभग 9 मिलियन बच्चों का जन्म हुआ, जो 2016 की कुल संख्या का आधा है।

साल 2023 में 27 लाख 5 हजार लोग कम हुए

साल 2022 में चीन की आबादी 1.4118 बिलियन थी जो साल 2023 में घटकर 1.409 बिलियन रह गई। यानी एक साल में कुल 27 लाख 5 हजार लोगों कम हुए। चीन की आबादी में वहां के 31 राज्यों के लोगों को गिना जाता है। इसमें हांगकांग, मैकाऊ और ताइवान शामिल नहीं हैं।साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन में बच्चे पैदा करने में आने वाला खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है, जो कई बार लोगों को गरीबी तक में धकेल देता है। वहीं लोगों की सोच परिवार और शादी को लेकर लगातार बदल रही है, इसका असर भी वहां के बर्थ रेट पर असर डाल रहा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीन में आर्थिक माना है।

ये चीन के आर्थिक विकास के लिए खतरा

एक्सपर्ट्स ने चीन को चेताया है कि लगातार घटती जन्म दर देश के आर्थिक विकास के लिए खतरा साबित हो सकती है। ऐसे में पेंशन भोगियों और दूसरे फायदों के साथ रिटायर्ड लोगों का अनुपात बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा।विस्कॉन्सिन-मेडिसन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर यी फुक्सियन ने कहा- चीन एक जनसांख्यिकीय संकट का सामना कर रहा है, जो चीनी अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कल्पना से परे है।

2016 से कम हो रही चीन की आबादी

चीन में जनसंख्या दर 2016 से ही कम हो रही है। तभी से चीन ने बच्चों की तादाद बढ़ाने के लिए लोकल लेवल पर काम करना शुरू कर दिया था। इसके लिए लोगों को पैसे भी दिए गए। सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स के अलावा उन्हें हाउसिंग और एजुकेशन डिस्काउंट की भी घोषणा की गई थी। साल 2021 के आते-आते चीन ने अपनी वन चाइल्ड पॉलिसी को भी हटा दिया। जिससे लोगों को केवल एक बच्चा पैदा करने की अनुमति थी। चीन ने ऐलान किया था कि लोग अब 3 बच्चे पैदा कर सकते हैं। हालांकि उसका कुछ ज्यादा फायदा नहीं हुआ।2016 तक चीन में वन चाइल्ड पॉलिसी लागू रही। माना जाता है कि इस दौरान चीन ने 40 करोड़ बच्चों को जन्म से रोका। इसका नुकसान ये हुआ कि देश में वृद्ध लोगों की आबादी बढ़ती रही और युवा आबादी कम हो गई। इस वजह से 2016 में थोड़ी छूट देते हुए टू-चाइल्ड पॉलिसी लागू की गई।

चीन ने क्यों लागू की थी वन चाइल्ड पॉलिसी?

चीन ने 1979 में वन चाइल्ड पॉलिसी इंट्रोड्यूस की थी। 1980 से इसे लागू कर दिया गया। तब चीन की आबादी 98.61 करोड़ थी और लगातार बढ़ रही थी। चीन को डर था कि बढ़ती आबादी देश के विकास में बाधा बन सकती है। इस वजह से ये पॉलिसी लागू की गई थी। इस दौरान लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक भी किया गया और सख्ती भी की गई। 1 से ज्यादा बच्चे होने पर लोगों पर फाइन लगाया गया, नौकरी से निकाला गया, महिलाओं को जबरन गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया गया और पुरुषों की जबरन नसबंदी की गई।

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