मध्य प्रदेश : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने CM Shivraj Singh Chauhan और वन्यजीव विशेषज्ञों की उपस्थिति में जानवरों को 10 किमी में फैले एक बाड़े में छोड़ा। पहले 30 दिन तक ये चीते 10 किलोमीटर के दायरे में क्वॉरंटीन रखा जाएगा और फिर इन्हें विशेषज्ञों की निगरानी में पार्क में छोड़ दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर देश को तो बधाई दी ही साथ ही मित्र देश नामीबिया को भी धन्यवाद दिया जिनकी पहल पर भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी संभव हो पाई है।
भारत में 70 साल बाद चीते के वेलकम के लिए फॉरेस्ट लैंड तैयार किया है। वो बाड़े भी बनकर तैयार हैं जिनमें मेहमान चीतों को रखा जाना है । लेकिन कुछ दिन बाद इन्हें जंगलों में आजाद भी किया जाना है । लिहाजा चीतों के लिए सबसे बड़ा खतरा आसपास के जंगलों में रहने वाले तेंदुओं से है। जिसको लेकर लोगों के मन में ये सवाल है कि अगर तेंदुए और चीते में भिडंत हुई तो क्या होगा।
भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित चीता वर्ष 2022 में पुन: पुनस्र्थापित होने गया है। इसके पूर्व चीता पुनस्र्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनस्र्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया। यह ऐतिहासिक है कि इस कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी के कर-कमलों से हो गया है।