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सिद्धार्थ शुक्ला के मौत पर जिम ट्रेनर का बड़ा दावा, बोले- ‘उनकी मौत हार्ट अटैक से नहीं हो सकती है’


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मुंबई – इंडस्ट्री के जाने-माने एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का कार्डियक अरेस्ट के चलते गुरुवार को निधन हो गया। दरअसल, सिद्धार्थ शुक्ला ने बुधवार रात सोने से पहले कुछ दवाई खाई थीं, लेकिन अगली सुबह वह उठ नहीं सके। अस्पताल ले जाने के बाद एक्टर के निधन की पुष्टि हुई। उनका अंतिम संस्कार आज होगा। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार सुबह तीन-साढ़े तीन बजे सिद्धार्थ उठे थे। एक्टर ने अपनी मां को बताया और सीने में दर्द की शिकायत बताई। मां ने पानी दिया और उन्हें सोने के लिए कहा।

अगली सुबह एक्टर की मां रीटा ने उन्हें उठाने की कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सकीं। मां ने बेटी को फोन किया। बेटी और दामाद मिलकर सिद्धार्थ को मुंबई स्थित कूपर अस्पताल लेकर गए, जहां उन्हें डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया। एंब्यूलेंस में सिद्धार्थ को कूपर अस्पताल सुबह 9:40 पर लाया गया। इस दौरान उनके साथ बहन, जीजा, कजिन भाई और तीन दोस्त मौजूद रहे।

सिद्धार्थ शुक्ला के निधन के बाद अब उनके जिम ट्रेनर सोनू चौरसिया का बयान सामने आया है। सोनू चौरसिया ने कहा- मैं मान ही नहीं सकता कि सिद्धार्थ की मौत हार्ट अटैक से हो सकती है। वो बेहद ही फिट और फिटनेस को लेकर सजग रहते थे। मैं पिछले डेढ़ सालों से सिद्धार्थ को जिम में ट्रेनिंग दे रहा था। हर दिन सुबह 10.30 बजे हम लोग जिम में मिलते थे। वो जिम में बहुत हार्ड वर्क करते थे। उन्होंने आगे कहा- मुझे राहुल वैद्य का सुबह 9.30 बजे कॉल आया कि सिद्धार्थ की तबीयत खराब है। पहले यकीन नहीं हुआ, लेकिन फिर कई कॉल्स आने लगे। सिद्धार्थ की मौत सुनकर मैं बिल्कुल शॉक में हूं।

सिद्धार्थ कभी भी किसी मानसिक तनाव या डिप्रेशन में नहीं रहे। हमेशा खुश रहने और लोगों को खुश रखने वाले इंसान थे। 24 अगस्त को मेरी बात हुई थी। उन्होंने मुझे जन्मदिन विश किया था, क्योंकि उसके बाद मैं मुंबई में नही था। 20 अगस्त को उन्होंने रक्षा बंधन के दिन अपनी बहन को गाड़ी गिफ्ट करने की बात कही और 22 अगस्त को गिफ्ट भी किया। जिम में हमेशा खुश रहते थे और कड़ी मेहनत करते थे। सोनू चौरसिया ने आगे कहा- इसके बाद रात को डिनर के बाद भी वह 40 मिनट तक वॉक करते थे। कल रात करीब 11.30 बजे एक मीटिंग से वापस आए।

मीटिंग के दौरान ही कुछ बाहर खाकर आए थे, इसलिए घर पर रात में छाछ और फल खाया और करीब 1.30 बजे सोने चले गए। सुबह उनकी मां जब उन्हें उठाने गईं, तो वह बिल्कुल स्ट्रेट लेते हुए थे, जबकि वह ऐसे कभी नहीं सोते थे। तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया। पंप वगैरह किया गया, लेकिन डॉक्टर से तबीयत ज्यादा खराब होने की बात कहते हुए अस्पताल ले जाने को कहा, लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। मुझे भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का ही इंतजार है, क्योंकि मैं मान ही नहीं सकता कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हो सकती है।

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