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परमाणु हथियार की धमकी से डरा यूक्रेन? हटाया कर्फ्यू, लोगों को निकलने की दी सलाह


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कीव – रूस की सेना तेजी से यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला कर रही है। यह हमले का पांचवां दिन है। यूक्रेन की सेना डटकर रूस का सामना कर रही है लेकिन बताया जा रहा है कि उसके लिए यह बेहद मुश्किल दिन है। यूक्रेन की मदद के लिए यूरोपीय संघ ने हथियार भेजना का फैसला किया। वहीं यूक्रेन के मुद्दे को लेकर ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई। 15 सदस्यों में से 11 ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसको लेकर चर्चा कराने का समर्थन किया है।

वहीं यूक्रेन का दावा है कि उसने 4300 से ज्यादा रूसी सैनिकों को मार गिराया है और 200 से ज्यादा को युद्धबंदी बनाया गया है। इस बीच रूस के हमले से जूझ रहे यूक्रेन के कीव में फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है. दरअसल, यहां कर्फ्यू को हटा दिया गया है. ऐसे में वहां फंसे भारतीय छात्र अब रेलवे स्टेशन पर जाकर शहर से निकल सकते हैं. सभी छात्रों को पश्चिमी भागों की यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन जाने की सलाह दी गई है. बता दें कि यूक्रेन रेलवे निकासी के लिए विशेष ट्रेनें चला रहा है. कर्फ्यू हटने के बाद से पूरे 2 दिन के बाद टैक्सियां भी चल रही हैं और कीव में लोगों का मूवमेंट शुरू हो गया है.

गौरतलब है कि बीते सप्ताह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद से यूक्रेन की राजधानी कीव समेत अन्य शहरों में लगातार धमाकों की आवाज सुनी जा रही है. हर जगह डर का माहौल है. देश के कई इलाकों में उत्पात मचाने के बाद रूस के सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के पास पहुंच गए हैं. ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने पुष्टि की है कि एक प्रतिनिधिमंडल रूसी अधिकारियों से मुलाकात करेगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कार्यालय ने टेलीग्राम ऐप पर कहा कि दोनों पक्ष बेलारूस की सीमा पर एक अनिर्दिष्ट स्थान पर मुलाकात करेंगे. ये बैठक भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3.30 बजे होनी है.

बता दें कि यूक्रेन से पहले ही भारत सरकार द्वारा बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को निकाला जा चुका है. यूक्रेन में अब भी फंसे बाकी के भारतीय छात्रों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने नई रणनीति बनाई है. इसके तहत चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. फिर ये मंत्री यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों से बातचीत और उनको निकालने के प्रबंध कराएंगे. सूत्रों के मुताबिक, इनको भारत का ‘विशेष दूत’ बनाकर भेजा जाएगा. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इसमें यह फैसला हुआ कि चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. इस मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल भी शामिल थे.

इधर आज ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पोलैंड में प्रवेश के लिए शेहिनी में फंसे भारतीयों को अन्य जगहों पर ले जाने के लिए बस सेवा शुरू की गई है.

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