नई दिल्ली – देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का असर लगातार कम हो रहा है और पॉजिटिविटी रेट भी नीचे जा रही है। पिछले 5 दिनों से लगातार 2 लाख से कम नए केस सामने आ रहे हैं। इससे पहले मई महीना भारत के लिए काफी खतरनाक रहा। सिर्फ मई में कोविड-19 के 88.82 लाख से अधिक केस सामने आए जो देश में अब तक संक्रमित 2.8 करोड़ से अधिक लोगों का 31.67 फीसदी है।
इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड -19 वेरिएंट B.1.617.2 को नया नाम दिया है। अब ये वेरिएंट डेल्टा (Delta) के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही सितंबर 2020 में ब्रिटेन में सबसे पहले पाए गए कोरोना वायरस के बी.1.1.7 वेरिएंट को अल्फा नाम दिया गया। वहीं दक्षिण अफ्रीका में मिले बी.1.351 को बीटा नाम मिला है और नवंबर 2020 में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए P.1 वेरिएंट को अब गामा नाम से जाना जाएगा।
Labelled using Greek alphabets, World Health Organisation (WHO) announces new labels for Covid variants of concern (VOC) & interest (VOC).
Covid variant first found in India will be referred to as 'Delta' while earlier found variant in the country will be known as 'Kappa' pic.twitter.com/VIEVWBGryC
— ANI (@ANI) May 31, 2021
भारत ने हाल ही में कोरोना के वेरिएंट B.1.617.2 को ‘भारतीय वेरिएंट’ कहे जाने पर ऐतराज जताया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी कई बार कह चुका है कि किसी भी स्ट्रेन या वैरिएंट को देश के नाम से नहीं पहचाना जाना चाहिए। कोविड -19 वेरिएंट B.1.617.2, जोकि अब डेल्टा नाम से जाना जाएगा, इसे बेहद ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।
WHO ने कहा कि कोविड वेरिएंट के ये नए नाम मौजूदा वैज्ञानिक नामों में बदलाव नहीं करेंगे। वे नाम पहले की तरह ही भविष्य के भी वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए प्रयोग किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक नाम एक ही होता है जो उसकी विशेषताओं के आधार पर रखे जाते हैं। WHO ने देश में पहली बार पाए जाने वाले वेरिएंट को ‘भारतीय’ के रूप में संदर्भित नहीं किया। इसके बाद 26 मई को, केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी सेवाओं से ‘भारतीय संस्करण’ शब्दों को साफ करने के लिए कहा।