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रिजर्व बैंक ने रद्द किया इस सहकारी बैंक का लाइसेंस


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नई दिल्ली – भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ा फैसला लेते हुए महाराष्ट्र के सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। भारतीय बैंक ने महाराष्ट्र के बड़ा कदम उठाते हुए महाराष्ट्र के एक और को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस को रद्द कर दिया है। बैंक ने पुणे के शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक का लाइसेंस कैंसिल करने का फैसला किया है। आरबीआई की ओर से इस बारें में नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी गई है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने को-ऑपरेटिव बैंक शिवाजीराव भोसले बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए बैंक को बंद करने का फैसला किया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी न होने और न ही भविष्य में कमाई की संभावना होने के कारण रिजर्व बैंक ने बैंक के कारोबार को बंद करने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक की ओर से इस बारे में प्रेस विज्ञपत्ति जारी की गई है। आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और भविष्य में कमाई की संभावना के अभाव को देखते हुए बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के तहत बैंक के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला लिया गया है।

आरबीआई द्वारा की गई जांच में पाया गया कि बैंक के पास कारोबार को जारी रखने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है। ऐसे में बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हित में नहीं है। आरबीआई के मुताबिक शिवाजीराव भोसले बैंक की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वो अपने जमकर्ताओं को पूरा भुगतान कर सके। बैंक के हालात को देखते हुए आरबीआई ने उसे अपने कारोबार बंद करने का फैसला दिया है।

बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद खाताधारकों के मन में अपनी जमापूंजी को लेकर चिंता सता रही है। उन्हें डर लग रहा है कि कहीं उनकी जमापूंजी डूब न जाएं, लेकिन आरबीआई ने लोगों से अपील की है कि वो घबराएं नहीं। आरबीआई के मुताबिक जामधारकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम यानी DICGC के नियम के मुताबिक खाताधारकों को उनकी जमापूंजी के एवज में 5 लाख रुपए निश्चित तौर पर मिलेंगे। बैंक की ओर से आरबीआई को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक बैंक के 98 फीसदी ग्राहकों को उनकी जमापूंजी सुरक्षित तौर पर मिल जाएगी।

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