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कोरोना से ठीक हो चुके 14% मरीजों को हो रही है नई बीमारी : रिसर्च


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नई दिल्ली – पिछले कई दिनों से नीचे जा रहे कोरोना के ग्राफ में एक बार फिर उछाल देखने को मिली है। कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिस तरह से राज्‍यों ने पाबंदी लगाई है, उसके बाद कोरोना के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि पिछले 24 घंटे में कोरोना के बढ़े आंकड़े एक बार फिर खतरे की ओर इशारा कर रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 2 लाख 11 हजार 298 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 3847 मरीजों ने इस दौरान दम तोड़ दिया।

शोध के मुताबिक, कोरोना से संक्रमित 14 फीसदी मरीजों के शरीर को कोरोना इस कदर प्रभावित करता है कि उन्‍हें फिर से अस्‍पताल का रुख करना पड़ता है। लंदन स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च के शोधकर्ताओं ने पिछले साल 1 जनवरी से 31 अक्तूबर के बीच कोरोना से संक्रमित होने वाले 1,93,113 मरीजों की सेहत का अध्‍ययन किया। इस शोध में 18 से 65 साल के उम्र वाले मरीजों को रखा गया था। इस शोध में इन मरीजों के कोरोना संक्रमित होने के 21 दिन तक उनके शरीर में हो रहे बदलाव पर नजर रखी। शोधकर्ताओं ने नेशनल क्लेम्स डाटा का विश्लेषण कर इस बात का पता लगाया कि वायरस को मात देने के छह महीने के भीतर इन मरीजों ने किन नई बीमारियों का सामना किया है।

शोध से मिले आंकड़ों की तुलना ऐसे मरीजों से की कई जो कोरोना से कभी संक्रमित नहीं हुए। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना की चपेट में आने वाले 14 फीसदी मरीजों में कम से कम एक नई स्वास्थ्य समस्या देखी गई। इन स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के कारण कोरोना मरीजों को अस्‍पताल का रुख भी करना पड़ा। स्वस्थ लोगों के मुकाबले कोविड-19 पर जीत हासिल करने वाले रोगियों के किसी नई बीमारी के कारण अस्पतालों में भर्ती होने की दर भी पांच फीसदी ज्यादा पाई गई है। बुजुर्गों और बीमार मरीजों की तुलना में नई बीमारी से युवा ज्‍यादा प्रभावित दिख रहे हैं।

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