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राजधानी दिल्ली कही बन न जाए ओमीक्रॉन का हॉटस्पॉट


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नई दिल्ली – कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमीक्रॉन का खतरा पूरी दुनिया में काफी बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही देश में भी अब तक ओमीक्रॉन के कई नए मामले सामने आते जा रहे हे। जिसके चलते कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। 

वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि आईजीआईबी में हर दिन 15 से 20 नमूनों का अनुक्रम किया जा रहा था। दिल्ली में दो दिसंबर को तंजानिया से लौटे 37 वर्षीय व्यक्ति में ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया था। पिछले 20 दिनों में यह संख्या 57 हो गई है। पिछले 24 घंटों में इस वैरिएंट के तीन नए मामलों की पुष्टि हुई है। जो डेल्टा वैरिएंट की तुलना में तीन गुना अधिक संक्रामक है। एक्सपर्ट की मानें तो दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे नया वैरिएंट ओमीक्रोन ही है। प्रारंभ में ओमिक्रॉन अंतरराष्ट्रीय यात्रियों तक सीमित था। लेकिन पिछले एक सप्ताह में कोविड-19 मामलों में अचानक बढ़ोतरी बता रही है कि यह समुदाय में भी फैल सकता है। हमारे पास अस्पताल में 17 ओमिक्रॉन मरीज भर्ती हैं। उनमें से तीन का कोई यात्रा इतिहास नहीं है।

कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का सबसे पहले मामला 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में आया था। भारत में नए स्वरूप के पहले दो मामलों की पुष्टि कर्नाटक में दो दिसंबर को हुई थी। बता दे की देश में ओमीक्रॉन के कुल 213 मामलों में से लगभग 27 फीसदी मामले दिल्ली में है। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर परीक्षण करने वाले प्रत्येक पांच यात्रियों में से एक मामला ओमिक्रॉन का मिल रहा है। दिल्ली के बाद सभी महानगरों में मुंबई में सबसे ज्यादा (30) मामले है। लोक नायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि दिल्ली और मुंबई दोनों में सबसे व्यस्त हवाई अड्डे है। जहां रोजाना सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय यात्री आते है। इसी वजह से इन दोनों शहरों में मामलों की संख्या अधिक है।

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