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प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी के कारण 191 वेंटिलेटर COVID19 मरीजों के लिए अनुपयोगी

हिमाचल प्रदेश – एक तरफ भारत में कई covid19 से संक्रमित मरीज चिकित्सा सुविधाएं, बेड एवं दवाया समय पर न मिल पाने से अपनी जान गवाते जा रहे हैं। उसी बीच हिमाचल प्रदेश से एक चौका देने वाली खबर सामने आयी।

हालही में हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में कम से कम 191 वेंटिलेटर प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी और मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम की कमी जैसे अन्य तकनीकी कारणों से अनुपयोगी पड़े हैं। अस्पतालों को PM Cares Fund के तहत पिछले साल पहली covid19 लहर के दौरान केंद्र से प्राप्त हुए थे।

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य उप निदेशक रमेश चंद के मुताबिक “ केंद्र से प्राप्त सभी वेंटिलेटर अस्पतालों को वितरित किए गए थे, जो खरीद के लिए नोडल अधिकारी हैं। हमें केंद्र से पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) किट और मास्क मिले हैं। ” कुछ अस्पतालों ने आवश्यकता का अनुमान लगाते हुए उन्हें स्थापित किया। जबकि कई जिला और क्षेत्रीय अस्पताल उन्हें स्थापित करने के लिए आगे नहीं आये। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने अब वेंटिलेटर लगाने के लिए एक निजी कंपनी को काम पर रखा है।

फ़िलहाल 191 वेंटिलेटर चिकित्सा गैस पाइपलाइन प्रणाली और उन्हें संचालित करने के लिए आवश्यक अन्य सहायक उपकरण के अभाव में अप्रयुक्त पड़े वेंटिलेटर को कई जरूरतमंद अस्पातों में दे दिए गए। शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को 30, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल 19 और 10 कमला नेहरू अस्पताल को वेंटिलेटर दिए गए। रोहड़ू और रामपुर के अस्पतालों को 5-5 वेंटिलेटर दिए गए। एक तरफ स्टॉक अनुपयोगी पड़ा है और दूसरी तरफ राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज, टांडा और लाल बहादुर शास्त्री सरकारी मेडिकल कॉलेज, नेरचौक जैसे उच्च भार वाले स्वास्थ्य संस्थान वेंटिलेटर की कमी का सामना कर रहे हैं। अनुपयोगी वेंटिलेटर को डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा को 42 वेंटिलेटर मिले और 15 जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, चंबा पहुंचाए गए।

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