DRDO द्वारा विकसित एंटी-कोविड ड्रग 2DG के पहले बैच का हुआ विमोचन
नई दिल्ली – हालही में देश में बढ़ते जा रहे कोरोना वायरस के कहर को रोकने के लिए DRDO ने 2DG दवा बनाकर एक अनोखी सिद्धि हासिल की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने DRDO द्वारा विकसित एंटी-कोविड ड्रग 2DG के पहले बैच का विमोचन किया।
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh and Union Health Minister Dr Harsh Vardhan release first batch of Anti-COVID drug 2DG developed by DRDO pic.twitter.com/gUu6IuYlrT
— ANI (@ANI) May 17, 2021
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को अपने जाहेरात की थी कि COVID19 रोगियों के इलाज के लिए 2DG दवा की 10,000 खुराक का पहला बैच 17 मई को लॉन्च किया जाएगा। 2DG दवा से covid19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में कारगर साबित होगी। इस दवा से कई covid19 से पीड़ित लोगो की जान बचायी जा सकेंगी। दवा पाउच में पाउडर के रूप में आती है, जिसे पानी में घोलकर मौखिक रूप से लिया जाता है।
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक एंटी-कोविड ड्रग 2DG दवा को भारत के रक्षा विभाग DRDO (Defence Research and Development Organisation) द्वारा COVID19 रोगियों के इलाज के लिए विकसित की गयी है। 2DG दवा महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक गेम-चेंजर हो सकती है क्योंकि यह अस्पताल में भर्ती मरीजों की तेजी से covid19 से रिकवरी में मदद करती है और ऑक्सीजन निर्भरता को कम करती है।
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Union Ministers Dr Harsh Vardhan & Sh @rajnathsingh Ji release first batch of 2-DG drug, an anti-#COVID19 therapeutic@PMOIndia @MoHFW_INDIA @DRDO_India https://t.co/9IDx91IW2m
— DrHarshVardhanOffice (@DrHVoffice) May 17, 2021
DRDO के (INMAS) द्वारा हैदराबाद में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के सहयोग से बनायी गयी Deoxy-D-Glucose (2-DG) दवा एक एंटी-कोविड चिकित्सीय अनुप्रयोग है। इससे पहले DCGI ने मध्यम से गंभीर कोविड रोगियों में सहायक चिकित्सा के रूप में 2-डीजी दवा के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी थी।
कई राज्यों में किए गए नैदानिक परीक्षणों में मिली सफलता के बाद भारत के Drugs Controller General of India (DCGI) और Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) ने DRDO को मई 2020 में 110 कोविड रोगियों पर दवा के दूसरे चरण के परीक्षण करने की अनुमति दी थी। दिसंबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक 10 राज्यों के तक़रीबन 27 अस्पतालों में 220 रोगियों पर आयोजित तीसरे चरण के परीक्षणों में भी सफलता मिली |