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साल 2024 के पहले ही दिन जापान में 7.5 तीव्रता का जोरदार भूकंप , टकराई डेढ़ फीट ऊंची सुनामी की लहरें


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नई दिल्लीः जापान के पूर्वोत्तर क्षेत्र में 1 जनवरी को तेज भूकंप के झटके देखने को मिले हैं। यहां 1 जनवरी को भीषण भूकंप देखने को मिला जिसके बाद सुनामी की भी चेतावनी जारी कर दी गई है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई है। खबरों के मुताबिक ने साल के पहले ही दिन उत्तरी मध्य जापान में 7.4 तीव्रता की भूकंप मापी गई। बता दें कि इस बीच जापान में स्थित भारती दूतावास ने जापान में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए इमरजेंसी नंबर जारी किए हैं। इसके अलावा दूतावास ने एक इमरजेंसी कंट्रोल रूम में भी स्थापित किया है। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर इस बाबत एक पोस्ट भी शेयर किया।

जापान में तेज भूकंप के झटके

जापान में आए सिलसिलेवार भूकंप के झटकों के बाद सोमवार को सुनामी की चेतावनी जारी की गई। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा और आसपास के प्रान्तों में भूकंप आने की सूचना दी, जिनमें से एक की प्रारंभिक तीव्रता 7.4 मापी गई है। जापानी सार्वजनिक प्रसारक एनएचके टीवी ने चेतावनी दी कि सुनामी आने के बाद समुद्र में पानी की धार 5 मीटर (16.5 फीट) तक पहुंच सकती है और लोगों से जितनी जल्दी हो सके ऊंची भूमि या पास की इमारत की चोटी पर भागने का आग्रह किया गया है। फिलहाल भूकंप से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है।

टकराई डेढ़ फीट ऊंची सुनामी की लहरें

द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के झटके राजधानी टोक्यो और कांटो इलाके में भी महसूस किए गए। जापान के सरकारी टेलीविजन NHK के मुताबिक सुनामी की चेतावनी के बाद 5 मीटर तक की लहरों की आशंका है। इस कारण लोगों को तटीय इलाकों को छोड़ने को कहा गया है। लोगों से अपील की गई है कि वह ऊंचाई वाले इलाकों में जाएं। NHK की रिपोर्ट के मुताबिक इशिकावा में वाजिमा शहर के तट पर 1 मीटर से अधिक ऊंची लहरें टकराईं।

भारतीय दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन

भारतीय दूतावास ने कहा, ‘दूतावास ने 1 जनवरी 2024 को आए भूकंप और सुनामी के संबंध में किसी से भी संपर्क करने के लिए इमरजेंसी कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। किसी भी सहायता के लिए इन इमरजेंसी नंबरों और ईमेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त के तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की है।’ एनएचके की रिपोर्ट के मुताबिक निगात प्रांत का काशीवाकी शहर से 40 सेंटीमीटर दूर था भूकंप का केंद्र। रिपोर्ट के मुताबिक, होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर ने कहा कि वह अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किसी भी अनियमितता की जांच कर रहा है।

होक्काइडो से क्यूशू तक खतरा

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो से लेकर दक्षिणी द्वीप क्यूशू तक के पूरे पश्चिमी तट पर सुनामी का खतरा जारी किया गया है, जबकि इशिकावा प्रान्त में कई भूकंपों के बाद बड़ी सुनामी का खतरा घोषित किया गया है। स्थानीय समयानुसार 16:06 (07:06 जीएमटी) से शुरू होकर, इशिकावा और निगाटा प्रान्त के क्षेत्र में 4.3 से 7.6 तीव्रता वाले नौ भूकंप आए।

जापान में सबसे तगड़ा भूकंप!

जापान के नोटो क्षेत्र में शाम 5 बजे तक 11 भूकंप दर्ज किए गए थे। भूकंप के बाद परमाणु संयंत्र संचालक टेपको यह जांच कर रहा है कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में उसकी फैसिलिटी को कोई नुकसान तो नहीं हुआ है। जापान में यह पिछले कुछ वर्षों में आया सबसे तगड़ा भूकंप है। जापान टाइम्स में न्यूज एडीटर जॉर्डन एलन ने कहा, ‘पहले झटके के बाद ही फोन पर वॉर्निंग बजने लगी। मैं जापान में पिछले 9 वर्ष से रह रहा हूं। लेकिन ऐसा कुछ भी महसूस नहीं किया।’

नोटो क्षेत्र में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए…

हवाई स्थित प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि जापान तट पर भूकंप के केंद्र के 300 किलोमीटर (190 मील) के भीतर खतरनाक सुनामी लहरें संभव हैं. जेएमए ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप होंशू के जापान सागर की ओर स्थित नोटो क्षेत्र में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी शुरुआत स्थानीय समयानुसार शाम 4:06 बजे 5.7 तीव्रता के झटके से हुई.
इसके बाद शाम 4:10 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप, 4:18 बजे 6.1 तीव्रता का भूकंप, 4:23 बजे 4.5 तीव्रता का भूकंप, 4:29 बजे 4.6 तीव्रता का भूकंप और शाम 4:32 बजे 4.8 तीव्रता का भूकंप आया. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि इसके तुरंत बाद 6.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया.

पांच मीटर ऊंची हो सकती हैं लहरें

जापान के सरकारी प्रसारक एनएचके टीवी ने चेतावनी दी कि समुद्र में लहरें पांच मीटर तक पहुंच सकती हैं। इसने लोगों से जल्द से जल्द ऊंचे स्थानों या पास की इमारत की ऊपरी मंजिलों पर चले जाने का आग्रह किया। भूकंप के कारण क्षति की तत्काल कोई सूचना नहीं है। एनएचके के मुताबिक, जापान के पश्चिमी तट पर निगाटा और अन्य क्षेत्रों में लगभग तीन मीटर ऊंची सुनामी आने की आशंका जताई गई। इसके अनुसार, समुद्र तट पर कम ऊंचाई की सुनामी लहरें पहले ही दर्ज की गई हैं। भूकंप प्रभावित क्षेत्र में स्थित एक परमाणु संयंत्र तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने कहा कि संयंत्र में अब तक किसी तरह की संचालन संबंधी दिक्कत सामने नहीं आई है।

जब जापान में आई सुनामी ने ली 18,500 लोगों की जान

जापान में सख्त निर्माण नियम हैं, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इमारतें मजबूत भूकंपों का सामना कर सकें और एक बड़े झटके की तैयारी के लिए नियमित रूप से आपातकालीन एक्‍सरसाइज करता है. लेकिन देश को मार्च 2011 में पूर्वोत्तर जापान में समुद्र के नीचे आए 9.0 तीव्रता के भीषण भूकंप की याद सता रही है, जिसके बाद सुनामी आई और लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए. 2011 की सुनामी ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में तीन रिएक्टरों को भी बर्बाद कर दिया था. ये जापान की युद्ध के बाद की सबसे खराब आपदा और चेरनोबिल के बाद सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटना थी. वहीं, मार्च 2022 में, फुकुशिमा के तट पर 7.4 तीव्रता के भूकंप ने पूर्वी जापान के बड़े क्षेत्रों को हिला दिया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी.

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