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Holika Dahan 2024 : आज होलिका दहन, भद्रा का समय कब से कब तक,जानें दहन और पूजा की आसान विधि


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नई दिल्लीः आज शाम भद्रा होने के कारण रात 11 बजे बाद होलिका दहन होगा। इसके लिए शुभ मुहूर्त रात 11 बजे से शुरू होगा, हालांकि भद्रा काल में होली की पूजा जरूर की जा सकती है। जिसके लिए शाम को प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त रहेगा।सूर्यास्त के बाद अगले ढाई घंटे तक यानी प्रदोष काल में भद्रा रहे तो भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन होलिका दहन भद्रा दोष खत्म होने के बाद करना चाहिए, इसलिए शाम 6.24 से 6.48 तक होली पूजा का मुहूर्त रहेगा। ये गोधूलि बेला का समय होगा। वहीं, होलिका दहन का मुहूर्त रात 11.15 से 12.25 तक रहेगा।

आज के व्रत त्योहार होलिका दहन (भद्रा-बाद)।

राष्ट्रीय मिति चैत्र 04, शक संवत 1946, फाल्गुन शुक्ल, चतुर्दशी, रविवार, विक्रम संवत 2080। सौर चैत्र मास प्रविष्टे 11, रमजान 13, हिजरी 1445 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 24 मार्च सन् 2024 ई। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, बसन्त ऋतुः। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। चतुर्दशी तिथि प्रातः 09 बजकर 56 मिनट तक उपरांत पूर्णिमा तिथि का आरंभ।

सूर्योदय का समय 24 मार्च 2024 : सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 24 मार्च 2024 : शाम 6 बजकर 34 मिनट तक।

आज का शुभ मुहूर्त 24 मार्च 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 46 मिनट से 5 बजकर 33 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 50 तक। गोधूलि बेला शाम 6 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 57 मिनट तक। अमृत काल सुबह 9 बजकर 23 मिनट से 10 बजकर 55 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 24 मार्च 2024 :

राहुकाल सुबह 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक। दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल शाम में 4 बजकर 57 मिनट से 5 बजकर 46 मिनट तक। इसके बाद भद्राकाल का समय सुबह 9 बजकर 54 मिनट से रात में 11 बजकर 13 मिनट तक।

आज का उपाय : होलिका दहन के दौरान नवग्रहों की लकड़ी अर्पित करें।

होली के कुछ कारगर उपाय

होली और होलिका दहन की रात को किए गए कुछ उपाय, पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इस त्योहार पर किए गए कुछ उपायों से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिलता है।

  • होलिका की पवित्र भस्म को माथे पर लगाने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
  • होली की राख को पानी में मिलाकर स्नान करने से ग्रहों के कई दोष दूर होते हैं।
  • होलिका की राख को घर के अलग-अलग हिस्सों में रखने से घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है।
  • होली के दिन अपने व्यवसायिक स्थल के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर चौमुखा दीपक जलाएं।

होलिका दहन का महत्व

रंगों वाली होली के एक दिन पहले रात्रि को होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन पर अग्निदेव और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अपने भक्त प्रह्लाद की जान बचाई थी। इसलिए होलिका दहन करने की परंपरा होती है। इस दिन भगवान विष्णु के विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

आज होलिका की अग्नि में अर्पित कर दें ये चीजें

हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की रात को होलिका दहन की जाती है। होलिका दहन पर घर के पास मौजूद चौराहे पर सूखी लकड़ियों को एकत्रित करके होलिका की पूजा फिर परिक्रमा करते हुए शुभ मुहूर्त में होलिक दहन किया जाता है। होलिका में कुछ चीजों को अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है।

  • हवन सामग्री अर्पित करें।
  • गेहूं और चने की बालियां होलिका में डालें।
  • सूखा नरियल
  • लौंग, पान के पत्ते और बताशे
  • काली सरसों

होलिका दहन पर क्या करें

आज फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि और आज रात होलिका दहन किया जाएगा। इस बार फाल्गुन माह की पूर्णिमा की तिथि 24 और 25 मार्च दो दिन पड़ रही है। आज रात होलिका दहन होगा। होलिका दहन पर रात को जागकर मंत्रों का जाप करना बहुत ही ही शुभ फलदायक होता है। होलिका की रात को मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा होलिका की राख को बहुत अधिक पवित्र माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन की राख को पानी में मिलाकर स्नान करने से ग्रह दोष खत्म हो जाता है। होलिका दहन के बाद उसकी राख का तिलक जरूर लगाएं।

होलिका दहन पूजा विधि

होलिका पूजन के दिन निर्धारित किये गये स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर उसमें सूखे उपले, सूखी लकडी, सूखी घास आदि डालें फिर इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। पूजा में एक लोटा जल, माला, रोली, चावल, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बतासे, गुलाल व नारियल के साथ-साथ नई फसल के धान्य जैसे पके चने की बालियां और गेहूं की बालियां, गोबर से बनी ढाल और अन्य खिलौने भी लें। कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटकर लोटे का शुद्ध जल व अन्य सामग्री को समर्पित कर होलिका पूजन करते हुए यह मंत्र- अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।| बोलें और पूजन के पश्च्यात अर्घ्य अवश्य दें ! इस प्रकार होलिका पूजन से घर में दुःख-दारिद्रय का प्रवेश नहीं होगा।

आज अशुभ भद्रा का साया, क्या होगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

आज भद्रा रहने के कारण होलिका दहन रात 11 बजे के बाद ही किया जाएगा। होलिका पूजा आज शाम को प्रदोष काल में करने का मुहूर्त है लेकिन होलिका दहन भद्रादोष खत्म होने के बाद ही करना उचित रहेगा। होलिका पूजा शाम 06 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 48 मिनट तक कर सकते हैं और होलिका दहन का मुहूर्त रात 11 बजे के बाद ही होगा। अग्नि प्रज्ज्वलन के समय भद्रा बीत चुकी हों, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि हो, तो यह अवधि सर्वोत्तम मानी ग

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