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IPL Auction देखते-देखते सो गया था भारतीय क्रिकेटर, नींद टूटी तो मिली करोड़पति बनने की खबर


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मुंबई – आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन ने कई अनजान खिलाड़ियों को एक झटके में करोड़पति बना दिया. इसी में से एक हैं उत्तर प्रदेश के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल (Yash Dayal). ऑक्शन में जब उनका नाम पुकारा गया तो कम ही लोग इस गेंदबाज को जानते थे. लेकिन आईपीएल फ्रेंचाइजी को इस खिलाड़ी की काबिलियत मालूम थी.

तभी 20 लाख की बेस प्राइस वाले यश को गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) ने पूरे 16 गुना ज्यादा कीमत देकर 3.20 करोड़ रुपए की मोटी कीमत में खरीदा. हालांकि, यश को आईपीएल ऑक्शन में खरीदे जाने की उम्मीद नहीं थी. वो फिलहाल, रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के लिए गुरुग्राम में हैं. जहां अपनी टीम उत्तर प्रदेश के साथ एक होटल में क्वारंटीन हैं.

यश दयाल (Yash Dayal) होटल के कमरे में आईपीएल नीलामी देख रहे थे. लेकिन उनका नाम नहीं आ रहा था तो वो टीवी बंद करके और अपना मोबाइल फोन भी साइलेंट करके सो गए थे. लेकिन एक घंटे बाद जब उनकी नींद खुली तो उनका फोन दोस्तों और परिवारवालों के मिस्ड कॉल और मैसेज से भरा पड़ा था. उनके फोन में पिता चंद्रपाल दयाल के 20 मिस्ड कॉल थे. उन्होंने सबसे पहले पिता को फोन किया, तब पता चला कि उन्हें आईपीएल में चुन लिया गया है और गुजरात टाइटन्स टीम ने उन्हें बेस प्राइस से 16 गुना ज्यादा कीमत देकर 3.2 करोड़ रुपए में खरीदा है.

यश जब पिता चंद्रपाल के फोन नहीं उठा रहे थे तो एकबारगी पिता भी परेशान हो गए थे. चंद्रपाल ने एक बातचीत में कहा, “हम इस बात को लेकर चिंतित थे कि वह फोन क्यों नहीं उठा रहा है. मैंने जब उसको नीलामी के बारे में बताया तो उसे लगा कि मैं उसे पागल बना रहा हूं. टीम का कोई भी खिलाड़ी भी उसके कमरे में नहीं गया. क्योंकि कोरोना प्रोटोकॉल के कारण खिलाड़ियों को टीम होटल में इधर-उधर जाने की इजाजत नहीं है.”

यश ने पिछले साल विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था. 7 मैच में इस गेंदबाज ने 3.77 की इकोनॉमी रेट से 14 विकेट लिए थे. यश दोनों तरफ गेंद को स्विंग कराते हैं. उनकी इसी खूबी के सब कायल हैं और वो लगातार 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं. पिता ने बताया कि यश को तेज गेंद फेंकना पसंद है. उन्होंने कहा, “य़श को तेज गेंदबाजी करना पसंद है. वह गेंद को दोनों तरफ स्विंग करा सकता है. उसके पास बेहतरीन बाउंसर हैं और वो जब चाहें यॉर्कर भी फेंक सकता है.”

यश के पिता चंद्रपाल भी तेज गेंदबाज रहे हैं और 80 के दशक में विजी ट्रॉफी खेले थे. उन्हें हालांकि, अपने पिता और परिवार से सपोर्ट नहीं मिला. लेकिन वो खुद अपने बेटे को पूरा सहयोग कर रहे हैं. ताकि वह टीम इंडिया से खेल सके उन्होंने कहा, “मुझे कभी अपने पिता से समर्थन नहीं मिला. बल्कि मेरे पिता हमेशा कहा करते थे कि क्रिकेट में कोई भविष्य नहीं है. मैं अपना समय बर्बाद कर रहा हूं और मुझे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए.”

यश के पिता चंद्रपाल को आज भी वो दिन याद है, जब उन्होंने अपने 6 साल के बेटे को भाइयों के साथ घर के बाहर क्रिकेट खेलते देखा था. तभी उन्होंने बेटे की प्रतिभा पहचान ली थी. उन्होंने कहा, “मुझे सबसे हैरानी वाली बात जो लगी थी, वो उसका बाएं हाथ से गेंद फेंकना और वो तेज गेंदबाज बना, यह मेरे लिए चौंकाने वाला था.”

12 साल की उम्र में पिता यश को प्रयागराज के मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में ले गए थे और यहीं से यश के तेज गेंदबाज बनने की शुरुआत हुई. इसी मैदान पर यश के पिता ने भी कभी क्रिकेटर बनने का सपना देखा था. लेकिन उनका ख्वाब पूरा नहीं हो पाया. इसलिए उन्होंने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए मदद की. यश ने 2018 में उत्तर प्रदेश के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. उन्होंने अब तक 12 मैच में 45 विकेट लिए हैं. वहीं, 15 टी20 में 15 विकेट उनके नाम हैं.

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