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प्रेग्‍नेंसी में खसखस खाने से माता और बच्चे दोनों को होते है कई फायदे


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मुंबई – खसखस के बारे में अनेक लोगों को अधिक जानकारी नहीं है, इसलिए शायद आप भी खसखस के फायदे के बारे में बहुत अधिक नहीं जानते होंगे। खसखस काई सारे विशिस्ट गुणों से भरपूर होता है। इसीलिए खसखस के बीजों को भारत में बहुत पसंद किया जाता है और यह प्रेगनेंट महिला के लिए भी बहुत अच्‍छे होते है।

खसखस का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। खसखस के तेल से साबुन, इत्र आदि बनाये जाते है। इसके अलावा खसखस के फायदे और भी है। खसखस के बीजों में मौजूद केमिकल बीटा सीटोस्टेरॉल प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है। इसका असर एस्ट्रोजन हार्मोन पर भी पड़ता है। खसखस के बीज ओवुलेशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, जिससे प्रेगनेंसी के चांसेस बढ़ जाते है। इसलिए अगर आप प्रेगनेंट होना चाहती है या गर्भवती है तो आप खसखस के बीज का सेवन कर सकती है।

बता दे की जो भी भोजन प्रेगनेंट वूमेन लेती हैं, उसमें न्यूट्रिशन की मात्रा बहुत ज्यादा होनी चाहिए। फीडिंग के वक्त उन्हें फ्रेश और न्यूट्रिशन से भरपूर फूड लेना चाहिए। खसखस के बीज में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी मौजूद होता है। इसलिए प्रेगनेंट वूमेन के लिए लाभदायक है। बहुत से गाइनेकोलॉजिस्ट प्रेगनेंट वूमेन को खसखस के बीज लेने की सलाह देते है। इनमें पाए जाने वाले केमिकल्स में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी होती है जो सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक है। खसखस के बीज में एसेंशियल ऑयल और फैट 50%, अनसैचुरेटेड फैटी एसिड भी बहुत ज्यादा मात्रा में पाए जाते है।

इनके सेवन से एचडीएल लेवल बढ़ता है और एलडीएल लेवल कम होता है। इसमें फाइबर और प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो इंटरनल ऑर्गन की क्लींजिंग में मदद करते हैं। यह प्रेगनेंट वूमेन को कॉन्स्टिपेशन जैसी समस्या में मदद करता है। इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन बी, फॉलिक एसिड, पैंटोथैनिक, नियासिन आदि पाए जाते है जो एनर्जी का एक बेहतरीन सोर्स है। खसखस के इस्तेमाल की मात्रा ये होनी चाहिएः-
खसखस का चूर्ण – 3-6 ग्राम
खसखस हिमफाण्ट – 25-50 मिली
खसखस का काढ़ा (khas ka sharbat) – 20-40 मिली
औषधी के रूप में खसखस का अधिक लाभ लेने के लिए आप इसका प्रयोग चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही करें।

खसखस के बीज खाने के फायदे के साथ-साथ इसके नुकसान भी है। खसखस के बीज में ओपेटिक कंसंट्रेशन ज्यादा होता है। इसमें पाए जाने वाले नारकोटिक्स कोडीन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये प्रेग्‍नेंसी में कॉम्प्लिकेशंस ला सकता है। इनके ज्यादा सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे को सांस लेने में प्रॉब्‍लम हो सकती है। खसखस के बीज में टॉक्सिन भी पाए जाते है जो मां और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकते है। इससे यह बात तय होती है कि बहुत ज्यादा मात्रा में खसखस के बीज का सेवन प्रेग्‍नेंसी के दौरान नहीं करना चाहिए।

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