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Air India में सरकारी अधिकारियों को अब मुफ्त में नहीं कर पाएंगे हवाई यात्रा


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मुंबई – टाटा समूह के हाथों में जाने के बाद देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस एयर इंडिया ने उधार में टिकट देने की सुविधा बंद कर दी है। हालही में एयर इंडिया ने ये बयान जारी किया है। Air India से अब सरकारी बाबू मुफ्त में हवाई यात्रा नहीं कर पाएंगे।

सरकार ने भी सभी मंत्रालयों और विभागों से कर्ज में डूबी एयर इंडिया का बकाया तुरंत चुकाने और अब से केवल नकद में टिकट खरीदने को कहा है। यानी अब एयर इंडिया से हवाई सफर करने के लिए उन सरकारी अधिकारियों को भी पैसे चुकाने होंगे, जिनकी यात्रा का खर्च भारत सरकार उठाती है। सरकार ने इस महीने की शुरुआत में एयर इंडिया को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को 18,000 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया है। देश की सबसे बड़ी व सरकारी विमान कंपनी रही यह एयर लाइंस भारी घाटे में चल रही थी। 

एयर इंडिया में साल 2009 से ऐसी सुविधा थी कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानों के मामले में भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी सरकारी खर्च पर यात्रा कर सकते थे। हवाई सफर की टिकट का खर्च बाद में एयर इंडिया और सरकार के बीच में सेटल होता था। लेकिन पिछले कई सालों से भारत सरकार पर एयर इंडिया का काफी बकाया है। विभाग ने ऑफिस मेमोरेंडम में कहा कि इसलिए, सभी मंत्रालयों/विभागों को एयर इंडिया का बकाया तुरंत चुकाने का निर्देश दिया जाता है। अगले निर्देश तक एयर इंडिया से हवाई टिकट नकद में खरीदें।

टाटा संस ने इस विमानन कंपनी की स्थापना 90 साल पहले की थी। समूह ने उसे खरीदने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली। सरकार ने इसी महीने टाटा संस की बोली को मंजूरी दी है। सरकारी कंपनियों के निजीकरण की जिम्मेदारी संभालने वाले केंद्र सरकार के निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने बीते दिनों कहा था कि टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की एक विशेष इकाई (एसपीवी) सफल बोलीदाता के रूप में उभरी।

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