चेन्नई – तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले की एक अदालत ने 18 साल पुराने एक मामले में काफी लंबे अरसे के बाद आखिरकार शुक्रवार को न्याय दिया। जिसके बाद आखिरकार आज स्वर्गीय विवाहित दंपती को इंसाफ मिला। 2003 के ‘ऑनर किलिंग’ मामले में एक व्यक्ति को मौत की सजा और दो पुलिस अधिकारियों सहित 12 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
मामला एक युवा जोड़े से जुड़ा है, जिसकी अंतरजातीय विवाह के बाद महिला के परिवार ने हत्या कर दी थी। अठारह साल पहले मई 2003 में, एक प्रमुख जाति के 22 वर्षीय डी कन्नगी ने 25 वर्षीय एस मुरुगेसन से शादी की, जो एक अलग जाति के थे। संबंधित परिवारों और समाज के विरोध के डर से, युगल अलग-अलग रहते थे। उनकी शादी के एक महीने बाद, महिला के परिवार ने जोड़े को उनसे मिलने के लिए धोखा दिया और यहीं से यह परीक्षा शुरू हुई। यह सोचकर कि परिवार उन्हें माफ कर देगा, वे घर लौट आए। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
महिला के परिवार के पास उनके लिए अन्य योजनाएँ थीं। उनकी योजना सुनकर हर किसी की रूह कांप उठेगी। हत्या से पहले चेन्नई से लगभग 230 किलोमीटर दूर कुप्पनाथम में ग्रामीणों के सामने दंपति को प्रताड़ित किया गया था। उसके बाद उनके नाक और कान के माध्यम से जहर पिलाया गया जिससे दंपति की मौत हो गई। बाद में उनके शवों को जला दिया गया। रिपोर्टो के मुताबिक संयोग से मृतक डी कन्नगी के पिता घटना के समय ग्राम प्रधान थे। इस घटना में पुलिस की भूमिका भी अवैध थी। उन्होंने घटना को छुपाया और एस मुरुगेसन के परिवार द्वारा दायर मामला दर्ज नहीं किया।