Chanakya Niti : ये लोग कभी नहीं समझ सकते आपका दुख, न बांटे इनके साथ अपना दुःख
मुंबई – चाणक्य का भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। ये अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र के ज्ञाता होने के साथ ही एक महान दार्शनिक भी थे। इन्होंने अपनी नीतियों के माध्यम से नंदवंश का नाश करके चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बना दिया। आज के दुनिया में हर किसी की अपनी-अपनी चाहत होती है। उन्होंने अपनी नीतियों को नीति ग्रंथ कही जाने वाली चाणक्य नीति में वर्णित किया है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों का दुख कभी भी नहीं समझ सकते। ये लोग हैं राजा, यमराज. अग्नि, चोर, छोटा बच्चा, भिखारी और कर वसूल करने वाला। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि, मनुष्यों में और निम्न स्तर के प्राणियों में खाना, सोना, घबराना और गमन करना एक समान ही है। मनुष्य अन्य प्राणियों से श्रेष्ठ है, तो सिर्फ अपने विवेक, ज्ञान की बदौलत। इसलिए जिन मनुष्यों में ज्ञान नहीं हैं, वो पशु के समान ही हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, जिसमें सभी जीवों के प्रति परोपकार की भावना है, वो सभी तरह के संकटों को भी हरा सकता है और उसे हर कदम पर सभी तरह की संपन्नता प्राप्त होती है। चाणक्य नीति के अनुसार, एक हाथ की शोभा गहनों से नहीं दान देने से है। चंदन का लेप लगाने से नहीं जल से नहाने से निर्मलता आती है। एक व्यक्ति भोजन खिलाने से नहीं बल्कि सम्मान देने से संतुष्ट होता है और मुक्ति स्वयं को सजाने से नहीं होती बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान को जगाने से होती है।