नई दिल्ली – हालही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सरकारी स्त्रोत के मुताबिक भारत उपन्यास कोरोनवायरस के डेल्टा प्लस संस्करण के 40 मामलों की रिपोर्ट के ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में सामने आये।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी किये गए रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 91 दिनों के बाद 50,000 नए कोरोनावायरस से संक्रमित मामले दर्ज किये गए। लेकिन कोविड-19 की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन नए रूपों का उभरना आने वाले दिनों में गंभीर खतरे पैदा कर सकता है।
India reports 40 cases of Delta Plus variant of the novel coronavirus, most of the cases are from Maharashtra, Madhya Pradesh, Kerala and Tamil Nadu. It is still a variant of interest: Government sources
— ANI (@ANI) June 23, 2021
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नोवेल कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस संस्करण को ‘चिंता के प्रकार’ के रूप में वर्गीकृत किया है। भारत उन 10 देशों (यूएसए, यूके, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस) में शामिल है जहां डेल्टा प्लस संस्करण का पता चला है। भारत के तीन राज्यों- महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही अलर्ट जारी कर चुका है और राज्यों को निर्देश दिया है कि वे तत्काल रोकथाम के उपाय करें जहां वैरिएंट पाया गया है।
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक कोविड -19 ब्रीफिंग में कहा ” देश के छह जिलों में 22 नमूनों में डेल्टा प्लस संस्करण का पता चला है। उनमें से सोलह महाराष्ट्र के जलगाँव और रत्नागिरी जिलों में पाए गए हैं; शेष केरल (पलक्कड़ और पठानमथिट्टा) और मध्य प्रदेश (भोपाल और शिवपुरी) में पाए गए हैं। भारत ने 21 जून 2021 को कोविड वैक्सीन की 88.09 लाख खुराक दी। 15-21 जून के बीच, देश में 553 जिले थे जहां सकारात्मकता दर थी 5% से कम। लेकिन हम नहीं चाहते कि यह महत्वपूर्ण अनुपात ग्रहण करे। ”
डेल्टा प्लस संस्करण और भारत के अनलॉक होने के खतरे के साथ, सरकार को खुद को एक और घातक लहर से बचाने के लिए टीकाकरण की गति बढ़ाने की जरूरत है। दिल्ली, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और केरल जैसे कई राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करके संभावित तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी है।