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मंडी में कंगना रनौत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस के विक्रमादित्य,मां प्रतिभा सिंह ने किया बड़ा ऐलान


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नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2024 में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से कांग्रेस विक्रमादित्य सिंह को टिकट दे सकती है. पार्टी की तरफ से विक्रमादित्य के नाम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन उनकी मां और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रतिभा सिंह ने विक्रमादित्य के चुनाव लड़ने की बात कही है. विक्रमादित्य राज्य के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. उन्हें टिकट मिलने से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रणौत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.कंगना पहली बार कोई चुनाव लड़ रही हैं. बीजेपी से टिकट मिलने के बाद उन्होंने लगातार रैलियां की हैं और कांग्रेस पर निशाना साधा है, लेकिन जमीन पर विक्रमादित्य की पकड़ मजबूत है. इससे कंगना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

कंगना के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत

इस बीच, कंगना रनौत ने गुरुवार को विक्रमादित्य सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि वह उन्हें धमकी देकर वापस नहीं भेज सकते, क्योंकि यह उनके पूर्वजों की संपत्ति नहीं है.दूसरी ओर, बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत की है. दरअसल 11 अप्रैल को मनाली में एक जनसभा के दौरान कंगना रनौत ने कांग्रेस नेता और हिमाचल के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर तीखे हमले बोले थे और उन्हें अपने भाषण में “शराब के नशे में धुत रहने वाला, राजा बाबू, छोटा पप्पू और राजा साहब” जैसे शब्दों के साथ पुकारा था।.इसी बात पर कांग्रेस ने कंगना रनौत की स्पीच को आपत्तिजनक बताते हुए इसे मॉडल कोड आफ कंडक्ट का उल्लंघन बताते हुए चुनाव आयोग को शिकायत दी है, जिसके बाद राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कल्लू डीसी से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है.

13000 वोट के अंतर से जीते थे विधानसभा चुनाव

विक्रमादित्य सिंह ने 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रवि कुमार मेहता को 13,000 वोट के अंतर से हराया था. 2017 में भी उन्होंने इस सीट पर बीजेपी के डॉ. प्रमोद शर्मा को 4,880 वोट के अंतर से मात दी थी. वह पूर्व सीएम के बेटे हैं और उनकी मां भी हिमाचल की बड़ी नेता हैं. इस लिहाज से कंगना के लिए उन्हें हरा पाना बेहद मुश्किल होगा.

विक्रमादित्य की उम्मीदवारी से अंतरकलह पर लगाम

बता दें कि प्रतिभा सिंह ने पहले ही चुनावी दौड़ से बाहर होने के अपने फैसले की घोषणा कर दी थी. पार्टी उम्मीद कर रही है कि विक्रमादित्य सिंह की उम्मीदवारी राज्य इकाई में दरार को पाटने में सक्षम होगी, जो हाल के राज्यसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के छह विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग के कारण कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार अभिषेक एम. सिंघवी की हार के बाद तेज हो गई है.कांग्रेस ने विद्रोहियों पर सख्ती की और विधानसभा में बजट पारित होने के दौरान सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप का उल्लंघन करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था.

कंगना के पास अनुभव की कमी

कंगना रणौत बॉलीवुड की बड़ी एक्ट्रेस में शामिल हैं. वह बॉलीवुड की ‘क्वीन’ के नाम से भी जानी जाती हैं, लेकिन राजनीति में उनका अनुभव न के बराबर है. बीजेपी ने 24 मार्च को उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी करते हुए उन्हें मंडी से उम्मीदवार बनाया था. यहीं से कंगना की राजनीति में एंट्री हुई. इससे पहले वह कई मौकों पर बीजेपी और पीएम मोदी की दिल खोलकर तारीफ कर चुकी हैं.हालांकि, उनका बड़बोलापन उन पर भारी भी पड़ा है. देश की आजादी से जुड़े एक बयान को लेकर वह काफी ट्रोल हुई थीं. वीरभद्र ने हाल ही में कहा था कि कंगना को मंडी का उम्मीदवार होने के नाते हिमाचल के मुद्दों की बात करनी चाहिए और पूछा था कि जब राज्य में आपदा आई थी, तब वह कहां थीं.

शिमला लोकसभा सीट

शिमला लोकसभा सीट से कांग्रेस ने विनोद सुलतानपुरी को टिकट दिया है. उनका मुकाबला बीजेपी के मौजूद सांसद सुरेश कुमार कश्यप से होगा. पिछले 15 सालों से यह सीट लगातार बीजेपी के पास है. सुरेश कुमार कश्यप से पहले वीरेंद्र कश्यप यहां से दो बार सांसद चुने गए. हालांकि, उससे पहले यह सीट कांग्रेस के पास थी.

कंगना रनौत ने बोला था हमला

कंगना रनौत ने गुरुवार को मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि था वह (सिंह) उन्हें न तो धमकी दे सकते हैं, न वापस भेज सकते हैं, क्योंकि यह (प्रदेश) कांग्रेस नेता के पूर्वजों की रियासत नहीं है. कंगना ने मंडी संसदीय सीट के अंतर्गत मनाली विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “ये तुम्हारे बाप-दादा की रियासत नहीं है कि तुम मुझे डरा-धमकाकर वापस भेज दोगे.’’ उन्होंने कहा था कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नया भारत है, जहां चाय बेचने वाला एक छोटा, गरीब लड़का लोगों का सबसे बड़ा नायक और प्रधान सेवक है. हिमाचल के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोमवार को कहा था कि कंगना ‘विवादों की रानी’ हैं और समय-समय पर दिए गए उनके बयानों पर सवाल उठते रहेंगे. सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे हैं.

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