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रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस पर बीजेपी का निशाना,दो आतंकी गिरफ्तार


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नई दिल्ली – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार (12 अप्रैल) को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में दो फरार आरोपियों को पश्चिम बंगाल में कोलकाता के पास से गिरफ्तार कर लिया. 1 मार्च को बेंगलुरु कैफे में हुए विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे. इन आतंकियों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मदीन ताहा के रूप में हुई है. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा, “रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में फरार अदबुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़िब का कोलकाता के पास उनके ठिकाने का पता लगाया गया और एनआईए टीम ने उन्हें पकड़ लिया. 12 अप्रैल की सुबह, एनआईए कोलकाता के पास फरार आरोपियों का पता लगाने में सफल रही, जहां वे झूठी पहचान के तहत छिपे हुए थे.”

बेंगलुरु के लोकप्रिय रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को ब्लास्ट

बेंगलुरु के लोकप्रिय रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को ब्लास्ट हुआ था। इस मामले में नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने शुक्रवार सुबह-सुबह पश्चिम बंगाल के ईस्ट मिदनापुर जिले के कांथी से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया। इसके कुछ ही देर बाद अमित मालवीय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ममता बनर्जी पर हमला बोला। मालवीय पश्चिम बंगाल के लिए बीजेपी के सह-प्रभारी भी हैं। उन्होंने पोस्ट किया, ‘एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट में दो मुख्य संदिग्धों, हमलावर मुसव्विर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मतीन अहमद ताहा को कोलकाता से हिरासत में लिया। दोनों संभवतः कर्नाटक के शिवमोगा में आईएसआईएस सेल से संबंधित हैं। दुर्भाग्य से, पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के तहत आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।’

दो और लोगों को भी आरोपी बनाया

एनआईए ने मामले में दो और लोगों को भी आरोपी बनाया है. उनमें से एक, 26 वर्षीय माज मुनीर अहमद घटना के समय जेल में था. दूसरा आरोपी 30 वर्षीय मुजम्मिल शरीफ है, जिसे एनआईए ने 27 मार्च को सेल फोन, फर्जी सिम कार्ड और विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.जांच से यह भी पता चला है कि ताहा ने पहचान से बचने के प्रयासों के तहत ऑपरेशन को वित्तपोषित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी मार्ग का उपयोग किया था. एक अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि ताहा ने 1 मार्च के कैफे विस्फोट के लिए संसाधन जुटाने के लिए मुजम्मिल शरीफ को क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर की. जिसके लिए भारत के विभिन्न हिस्सों में आईएसआईएस के लिए भर्ती किए गए लोगों की चुराई गई पहचान और आईडी सहित विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया गया.

शहजाद पूनावाला का हमला

इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी टीएमसी पर पलटवार किया. पूनावाला ने पूछा क्या टीएमसी आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रही है. पूनावाला ने कहा पिछले दिनों हमने देखा कि एनआईए की टीम जब 2002 कार ब्लास्ट केस में जांच करने के लिए गई थी उस समय कैसे टीएमसी के गुंडों ने एनआईए के अधिकारियों पर हमला शुरू कर दिया था. उस वक्त टीम पर पत्थरों और हथियार से हमला किया गया था.

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