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Lok Sabha Elections 2024 : बॉक्सर विजेंदर सिंह लड़ेंगे चुनाव,हेमा मालिनी को देंगे टक्कर


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नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस पार्टी ने अब तक यूपी की मथुरा सीट से उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. भारतीय जनता पार्टी इस सीट से हेमा मालिनी को लगातार तीसरी बार टिकट दे चुकी है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस सीट से बॉक्सर विजेंद्र को टिकट दे सकती है.2019 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए विजेंद्र को अपने पहले चुनाव में ही हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद भी वह पार्टी से जुड़े रहे, लेकिन दिसंबर 2023 में उन्होंने सोशल मीडिया पर राजनीति से संन्यास की बात कही थी. वह वह वापसी कर सकते हैं.

भाजपा से तीसरी बार मैदान में हेमा मालिनी

भाजपा ने तीसरी बार मथुरा से हेमा मालिनी को प्रत्याशी बनाया है. सपा-कांग्रेस गठबंधन से ये सीट कांग्रेस के खाते में आई है. ऐसे में कांग्रेस हेमा मालिनी के मुकाबले भी स्टार उतारने की तैयारी में है. मुक्केबाज विजेंदर सिंह का नाम लगभग तय कर दिया गया है।विजेंदर भी मथुरा से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. शनिवार को उन्हें कांग्रेस आलाकमान से हरी झंडी भी मिल गई.कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवान सिंह वर्मा ने बताया कि विजेंदर सिंह का नाम मथुरा से प्रत्याशी के रूप में तय कर दिया गया है.शनिवार रात या फिर रविवार को उनके नाम की अधिकृत घोषणा कर दी जाएगी.

सुनील सिंह ने मांगी सीट

आईएनडीआईए के सहयोगी दल लोकदल के सुनील सिंह ने भी ये सीट लोकदल को देने की मांग की है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी महेश पाठक को महज 28084 मत मिले थे. ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी. इस बार फिर कांग्रेस में कई नाम प्रत्याशी को लेकर चर्चा में रहे. पूर्व विधायक राजकुमार रावत, सादाबाद के पूर्व विधायक अनिल चौधरी, प्रदेश पदाधिकारी योगेश तालान के साथ ही जिलाध्यक्ष भगवान सिंह वर्मा का नाम भी दावेदारों में है. एक बड़ा नाम अब बॉक्सर विजेंदर सिंह का सामने आया है.कांग्रेस उन्हें यहां से मैदान में उतारना चाहती है। विजेंदर जाट हैं। ऐसे में जाट कार्ड कांग्रेस को काफी फायदेमंद लग रहा है.

मथुरा में जाट वोट भुनाना चाहती है कांग्रेस

मथुरा में जाट मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. बीजेपी उम्मीदवार हेमा मालिनी ने यहां से चुनाव लड़ा तो कहा कि धर्मेंद्र से शादी करके वह भी जाट बन चुकी हैं. हेमा इस सीट से लगातार 2 बार चुनाव जीत चुकी हैं और हैट्रिक के लिए तैयार हैं. विजेंद्र भी जाट समुदाय से आते हैं और कांग्रेस इस सीट के जाट मतदाताओं को अपने साथ जोड़ना चाहती है. अगर कांग्रेस उम्मीदवार किसान आंदोलन के मुद्दे को सही तरीके से भुना पाते हैं तो हेमा मालिनी को चुनौती मिल सकती है.

2004 में आखिरी बार जीती थी कांग्रेस

मथुरा लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. 1991 में साक्षी महाराज यहां से जीते थे. इसके बाद से 2004 और 2009 को छोड़कर हर बार बीजेपी उम्मीदवार ने ही जीत हासिल की है. कांग्रेस यहां आखिरी बार 2004 में जीती थी, जबकि 2009 में आरएलडी के जयंत चौधरी ने यहां से जीत हासिल की थी.

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