x
ट्रेंडिंगमनोरंजन

सामंथा रुथ प्रभु का छलका दर्द,मज़बूरी में दुनिया को बताना पड़ा बीमारी का सच


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

मुंबई – सिनेमा की दुनिया की वो एक्ट्रेस, जिन्होंने पर्दें पर अपनी अदाकारी से लोगों को हंसाया भी और कभी कभी रुलाया भी. इस एक्ट्रेस ने आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण सहित कई हसीनाओं को पछाड़ा. आउटसाइडर बनकर उन्होंने पर्दे पर दस्तक दी. साल 2010 में उन्होंने रोमांटिक फिल्म से एक्टिंग की शुरुआत की और फिर पीछे पलटकर नहीं देखा. 36 साल की इस खूबसूरत एक्ट्रेस ने हाल ही में एक बयान दिया, जिसको सुनने के बाद लोग शॉक्ड हो गए. उन्होंने कहा कि जिस बात को वह दुनिया के सामने नहीं लाना चाहती थीं, जिसके लिए उन्हें फोर्स किया गया. मजबूरन उन्होंने किया तो लोगों ने उन्हें खूब ताने भी मारे.

View this post on Instagram

A post shared by Samantha (@samantharuthprabhuoffl)

सेक्सुअलिटी को लेकर बहुत असहज

सामंथा ने कहा, ‘मुझे ‘ऊ अंतावा’ करने का निर्णय उस समय आया, जब मुझे एक अभिनेता के तौर का खुद को पहचानना था. मैं हमेशा से सेक्सुअलिटी को लेकर बहुत असहज रही हूं. मुझे लगता ऐसी स्थिति में बहुत अच्छी या सुंदर महसूस नहीं करती. मैं दूसरी लड़कियों की तरह नहीं दिखती’. सामंथा ने आगे कहा, मैंने एक अभिनेत्री के तौर पर हर चुनौती को हमेशा स्वीकार किया है, लेकिन मुझे सेक्सी दिखना पसंद नहीं है.

https://www.instagram.com/p/C3cY4u9LLZ9/?img_index=1

‘बीमारी बताने को फोर्स किया गया’

सामंथा ने कहा, ‘मुझे अपनी बीमारी के बारे में पब्लिकली बताने के लिए मजबूर किया गया. उस समय मेरी वुमन सेंट्रिक फिल्म रिलीज होने वाली थी.मैं तब बहुत बीमार थी.यह मुश्किल था और मैं तैयार नहीं थी.चारों ओर तरह-तरह की अटकलें चल रही थीं और गलत बातें फैलाई जा रही थीं.मेकर्स को इसके प्रमोशन के लिए मेरी जरूरत थी. इसलिए, मैं एक इंटरव्यू देने के लिए राजी हो गई.’सामंथा ने आगे बताया, ‘जाहिर है, मैं वैसी नहीं दिख रही थी.खुद को स्टेबल रखने के लिए मैंने दवाई की हाई डोज खाई थी.मुझे मजबूर किया गया। अगर कोई और ऑप्शन होता तो मैं पब्लिक में आकर कभी अनाउंस नहीं करती.

समांथा ने कहा डर ने मुझे आगे तो बढ़ाया

उन्होंने अपने प्रोजेक्ट्स संग हेल्थ इश्यू सी जूझने को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि ’14 साल कभी-कभी बहुत लंबा वक्त लगता है. लेकिन जब आप जिस चीज से प्यार करते हैं, वो करें तो वक्त कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता. मैं डरी हुई थी. फेल होने के डर ने मुझे बहुत वक्त तक आगे बढ़ाया. अगर वो डर नहीं होता तो शायद मैं इतना आगे निकल नहीं पाती.’समांथा ने आगे कहा कि डर ने मुझे आगे तो बढ़ाया लेकिन मेरे शरीर को कमजोर कर दिया. समांथा ने कहा, ‘कुछ वक्त पहले ही जब मैं बीमार हुई तब मुझे समझ आया कि डर मुझे मोटिवेट तो कर रहा था, लेकिन साथ ही मुझे बर्बाद भी कर रहा था. मेरी ऑटो इम्यून कंडीशन से लगभग दो सालों तक गुजरने के बाद मैंने सोचा कि चीजें अगर मुझे अलग तरह से मिलती तो मुझे नहीं चाहिए.

Back to top button