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मर्डर मुबारक रिव्यू : सस्पेंस और कॉमेडी का तगड़ा डोज,सीट से ह‍िलने नहीं देगा सस्‍पेंस


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मुंबई – कभी – कभी किसी के राज़ को जानना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है। और जब बात और बिगड़ जाए तो इसमें जान भी जा सकती है। मर्डर मुबारक मल्टी लेयर वाली ह्यूमर से भरपूर मर्डर मिस्ट्री है। इसमें कई किरदार दिखाए गए हैं और सभी के अपने अपने राज़ हैं, कुछ के निशान गहरे हैं तो कुछ आम से हैं लेकिन सब के पीछे छुपी है एक दिलचस्प कहानी। ऐसी ही एक कहानी को फिल्म के रूप में लेकर आएं हैं, फिल्म डायरेक्टर होमी अदजानिया जिसे देखना बेहद दिलचस्प और रोमांच से भरा है। तो चलिए आपको बताते हैं, क्या है इसका रिव्यू।

सस्पेंस और कॉमेडी का तगड़ा डोज

ओटीटी पर मिस्‍ट्री, क्राइम और थ्रिलर ड्रामा हमेशा से ही दर्शकों को खूब पसंद आता रहा है. लेकिन न‍िर्देशक होमी अदजानिया नेटफ्ल‍िक्‍स पर अपनी नई फिल्‍म ‘मर्डर मुबारक’ में आपको ये सब एक-साथ परोसने की कोशिश की है. मर्डर मिस्‍ट्री देखने में मजा आता है, जब आपको सस्‍पेंस अपनी सीट से ह‍िलने न दे और द‍िमाग बार-बार यही कहे कि ‘सस्‍पेंस बहुत हुआ, ये बताओ मर्डर क‍िसने क‍िया है…’ इस फिल्‍म में आपको ये दोनों ही फील‍िंग आने वाली हैं. ‘मर्डर मुबारक’ होमी अदजानिया की ऐसी ही एक फिल्म है, जिसमें पंकज त्रिपाठी ने पुलिस अफसर एसीपी भवानी सिंह की भूमिका अदा की है. नेटफ्लि‍क्‍स पर ये फिल्‍म रिलीज हो चुकी है.

सीट से ह‍िलने नहीं देगा सस्‍पेंस

इस फिल्म में अमीरों की जिंदगी को दिखाया गया है, और ये बताया गया है कि अक्सर जो हमें दिखता है वह असल में होता नहीं है। कहानी की शुरुआत द रॉयल दिल्ली क्लब में होती है, जहां दिवाली पार्टी में एक बच्ची की रोने की आवाज सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचती है। इस पार्टी में हर तरह के लोग होते हैं, फिल्मी सितारों से लेकर बड़े उद्योगपति और राजा-महाराजा तक।

कहानी

फिल्म की कहानी द रॉयल दिल्ली क्लब के इर्द गिर्द घूमती है, यह वह जगह है जहां सभी आमिर लोग अपनी मौजुगी दर्ज कराना अपनी शान समझते हैं। हालांकि, इन्हीं जाने माने बड़े नामों पर मुसीबत का पहाड़ तब टूटता है, जब उसी क्लब में काम करने वाला पॉपुलर लड़के लियो मैथ्यू (आशिम गुलाटी) की एक्सरसाइज करने के दौरान मौत हो जाती है। सबसे पहले, इस घटना को कोई गंभीर नहीं लेता, क्लब के प्रेसिडेंट इसे एक हादसा मानते हैं, पर एसीपी भवानी सिंह (पंकज त्रिपाठी) अपनी विशेष शैली से यह साबित करते हैं कि यह कोई अकस्मात नहीं है, बल्कि एक सोची समझी मर्डर की गुत्थी है।

लियो मैथ्यू एक ऐसा इंसान है जो चालाकी में माहिर है और क्लब में आने वाले हर किसी के राज जानता है। इसलिए, जब एसीपी भवानी सिंह किसी से मिलते हैं, वे हर किसी पर शक करते हैं। वे आरोपी का पता लगाने में बहुत अच्छे हैं, और उनकी तेज नजरों से कुछ भी छिप नहीं सकता। इस फिल्म में बहुत सारे रोमांचक मोड़ हैं, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखते हैं। हर बार जब लगता है कि अब कहानी समझ में आ जाएगी, तब एक नया राज़ खुलता है।

स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?

फिल्म मल्टीस्टारर है, फिल्म में काशी (विजय वर्मा) और बांबी तोड़ी (सारा अली खान) की लव स्टोरी भी देखने मिलती है। इसके साथ ही फिल्म में टिस्का चोपड़ा, संजय कपूर, डिंपल कपाड़िया और लंबे वक्त बाद करिश्मा कपूर भी देखने को मिलेंगी। हालांकि, इस बार भी पंकज त्रिपाठी ने अपनी शानदार एक्टिंग से लाइमलाइट लूट ली है। पूरी फिल्म में पंकज त्रिपाठी आपको अपने अनोखे अंदाज से हंसने के साथ केस में दिलचस्पी बनाए रखने को मजबूर करते हैं।इसके साथ ही, फिल्म के निर्देशक होमी अदजानिया ने इसे बेहतरीन तरीके से पेश किया है और गजल धालीवाल और सुप्रोतिम सेनगुप्ता द्वारा लिखी गई कहानी बेहद दिलचस्प है। इसे दिनेश विजन ने प्रोड्यूस किया है और यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर दर्शकों को एंटरटेन करने के लिए उपलब्ध है।

निर्देशन

एक कसी हुए कहानी को होमी अदजानिया ने बखूबी परदे पर पेश किया है। उनकी इस कहानी में सभी किरदार उच्च वर्ग से ताल्लुक रखते हैं सिवाय एसीपी भवानी सिंह को छोड़ कर। उन्होंने कलाकारों का चयन बड़ी सावधानी से किया है और ऐसे कलाकार लिए हैं जो वास्तव में उच्च वर्ग के लगें । कहानी के तरह स्क्रीनप्ले भी सधा हुआ और सटीक है । फिल्म के अंत तक रोमांच बरकरार रहता है और असली क़ातिल को देखने कि उत्सुकता बनी रहती है । कई जगह डायलाग सीचुएशनल कॉमेडी लाने में कामयाब रहे हैं ।

कैसी है फिल्म

ये फिल्म शुरू से ही मुद्दे पर आ जाती है, पहले सीन से फिल्म एक दिलचस्पी जगाती है, मर्डर की तफ्तीश के साथ-साथ क्लब में आने वाले लोगों को चेहरे से मास्क जब उतरते हैं तो आपको जिंदगी का एक अलग ही रंग दिखता है, आपको समझ आता है कि लोग कितना दिखावा करते हैं, लोग जो दिखाते हैं वैसे नहीं हैं, यहां आपको हर थोड़ी देर में जिंदगी का एक अलग रंग दिखता है और आप उससे रिलेट करते हैं, मर्डर की तफ्तीश साथ साथ चलती है और आपको समझ ही नहीं आता कि मर्डर किया किसने है, एंड तक सस्पेंस बना रहता है और ये इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है.

फाइनल वर्डिक्ट, फिल्म देखें या नहीं?

सस्पेंस और हल्की फुल्की कॉमेडी से भरपूर यह फिल्म मस्ट वॉच की कैटेगरी में आती है। फिल्म में अंत तक इंटरेस्ट बनाए रखने की कोशिश की गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है, इसलिए इसे देखने के लिए आपको बाहर जाने की भी जरूरत नहीं है। हालांकि फिल्म में कुछ बोल्ड सीन्स हैं, इसलिए फैमिली के साथ अपनी रिस्क पर देखें।कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि क्राइम थ्रिलर और रहस्य से भरी यह फिल्म उन दर्शकों के लिए भी एक ट्रीट से कम नहीं जो उच्च वर्ग कि हस्तियों का लाइफस्टाइल देखने के इच्छुक हैं।

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