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कॉटन कैंडी में प्रयोग होने वाले फूड कलर्स पर रोक साथ ही इन फूड्स पर लगा बैन


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नई दिल्ली – बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थों को दिखने में आकर्षक बनाने और इसको लंबे समय तक टिकाऊ बनाए रखने के लिए कई प्रकार के फूड कलर्स और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता रहा है। कई अध्ययनों में वैज्ञानिक इस बात को लेकर चिंता जताते रहे हैं कि इन फूड कलर्स और मिलाए जाने वाले रसायनों के कारण सेहत को कई प्रकार से नुकसान होने का खतरा रहता है।कुछ अध्ययनों में फूड कलर्स के कारण मेटाबॉलिज्म और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिमों को लेकर भी अलर्ट किया जाता रहा है। इस दिशा में कर्नाटक सरकार ने सोमवार (11 मार्च) को बड़ा फैसला लिया है।

रोडामाइन-बी फूड कलरिंग एजेंट का उपयोग

“अगर कोई रोडामाइन-बी फूड कलरिंग एजेंट का उपयोग करते हुए पाया जाता है, तो उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कहा कि कृत्रिम रंग के कारण पूरे दक्षिणी राज्य में इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता खराब थी, जिसके परिणामस्वरूप लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।एकत्र किए गए गोभी मंचूरियन के 171 नमूनों में से 64 सुरक्षित पाए गए जबकि 106 असुरक्षित पाए गए। इस बीच, कुल 25 कॉटन कैंडी के नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 10 सुरक्षित और 15 असुरक्षित पाए गए। टार्ट्राज़िन, कार्मोइसिन, सनसेट येलो और रोडामाइन-1बी कुछ कृत्रिम रंग थे जिनका उपयोग नमूनों में किया गया था।दिनेश गुंडू ने कहा, “होटलों, (और) सड़क के किनारे की दुकानों से नमूने एकत्र किए गए थे। कई नमूने असुरक्षित निकले हैं। रंग भरने वाले एजेंट के रूप में रोडामाइन का उपयोग प्रतिबंधित है। भोजनालय (खाद्य पदार्थों को) अधिक लाल दिखाने के लिए इसका (रंग भरने वाले एजेंट) का उपयोग करते हैं।”

तमिलनाडु और पुडुचेरी द्वारा कॉटन कैंडी में पर बैन

राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कलरिंग एजेंट का उपयोग करते हुए पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, “इन हानिकारक एजेंट का उपयोग करने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।इससे पहले पिछले महीने ही तमिलनाडु और पुडुचेरी द्वारा कॉटन कैंडी में रसायनों के उपयोग का पता लगने के बाद इसकी बिक्री और उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस रसायन को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाया गया है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा परीक्षण के लिए भेजे गए कॉटन कैंडी के नमूनों में जहरीले रसायन की मौजूदगी पाई गई है।

कृत्रिम रंग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश

राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने इस संबंध में पूरे राज्य में एक आदेश जारी किया है, जिसमें गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में किसी भी कृत्रिम रंग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है। गोभी मंचूरियन के कुछ नमूने कर्नाटक के 3 सितारा होटलों से लिए गए थे और वे भी असुरक्षित निकले।कर्नाटक का कदम गोवा के एक महीने बाद आया। पिछले महीने, मापुसा नगर परिषद ने क्षेत्र में गोबी मंचूरियन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो भारत में सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से एक के खिलाफ ऐसा कदम उठाने वाले गोवा के कई नागरिक निकायों में से एक बन गया। इस बीच, तमिलनाडु और पुदुचेरी ने पिछले महीने कॉटन कैंडी के खिलाफ कदम उठाए, जब दोनों स्थानों ने परीक्षण के लिए भेजे गए नमूनों में कैंसर पैदा करने वाले रसायन रोडामाइन-बी की उपस्थिति का हवाला देते हुए खाद्य पदार्थ पर प्रतिबंध लगा दिया।

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