x
कोरोनाराजनीति

कोरोना से मौत के आंकड़ों पर सियासत: टीएमसी और कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली: डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत वैश्विक कोविड की मौत को सार्वजनिक करने के उनके प्रयासों में बाधा डाल रहा है। इसके बाद कांग्रेस और टीएमसी के नेताओं ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार की ‘लापरवाही’ के कारण कोरोना वायरस महामारी के दौरान 40 लाख भारतीयों की मौत हुई। वहीं कोरोना से मौतों के आंकड़ों को लेकर महुआ मोइत्रा ने कहा कि आंकड़ों का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए 56 इंच का मुखौटा नहीं लगा सकते। गौरतलब है कि एक अंग्रेजी अखबार में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के बाद सरकार ने उसका खंडन किया था। भारत सरकार ने शनिवार को कहा कि इस तरह के गणितीय मॉडल का इस्तेमाल इतने बड़े भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश के लिए मृत्यु के आंकड़ों का अनुमान लगाने में नहीं किया जा सकता।

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने ट्विटर पर अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत वैश्विक कोविड की मौत को सार्वजनिक करने के डब्ल्यूएचओ के प्रयासों को रोक रहा है।

अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ‘मोदी जी न तो सच बोलते हैं और न ही दूसरों को बोलने देते हैं। वह अभी भी झूठ बोलते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई!’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘मैंने पहले भी कहा था कि कोविड के दौरान सरकार की लापरवाही के कारण पांच लाख नहीं, बल्कि 40 लाख भारतीयों की मौत हुई। अपनी जिम्मेदारी निभाएं, मोदी जी हर (कोविड) पीड़ित परिवार को चार-चार लाख रुपए का मुआवजा दें।’

भारत ने शनिवार को देश में कोविड-19 से मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इस तरह के गणितीय मॉडल का उपयोग भौगोलिक आकार और इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश के लिए मृत्यु के आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए नहीं किया जा सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 अप्रैल को ‘इंडिया इज स्टालिंग डब्लूएचओज एफर्ट्स टू मेक ग्लोबल कोविड डेथ टोल पब्लिक’ शीर्षक वाले लेख के जवाब में एक बयान जारी किया। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश ने कई मौकों पर कोरोना आंकड़ों में इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली पर वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया है।

यूएन हेल्थ एजेंसी का अनुमान है कि 2021 के आखिर तक वायरस के कहर से 15 मिलियन मौतें हुई हैं। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि विभिन्न देशों ने अलग-अलग रूप से जो आंकड़े जारी किए हैं, यह उससे दो गुना है। इस रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि डब्ल्यूएचओ के आकलन के मुताबिक, भारत में कोविड से मरने वालों की संख्या कम से कम 40 लाख है, जो आधिकारिक आंकड़े का आठ गुना है। जिसको लेकर कांग्रेस आरोप लगा रही है कि सरकार ने कोरोना से मौतों के सही आंकड़े जारी नहीं किए हैं।

Back to top button